कहा है कि लगता है गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में हारने के बाद अब कुछ लोगों को गोरखपुर विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में भी हार का डर सता रहा है। इसीलिए वें छात्र संघ चुनाव टाल रहे हैं। ये चुनाव से पहले ही हार मान लेने का संकेत है। छात्रों से उनका अधिकार छीनना अलोकतांत्रिक है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर मुख्यमंत्री जी का गृह जनपद है। गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में जिस प्रकार अराजकता फैली है, वह कानून व्यवस्था का उपहास है। पूरे प्रदेश में इसी प्रकार जंगलराज व्याप्त है।
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार छात्र-नौजवान विरोधी है। प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में छात्रहित के मुद्दे उठाने पर छात्रों-नौजवानों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, काशी विद्यापीठ, इलाहाबाद विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों पर मुकदमें दर्ज कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। नयी पीढ़ी के साथ भाजपा का यह रवैया शत्रुतापूर्ण है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने छात्रों-नौजवानों को गुमराह किया था। रोजगार की दिशा में सरकार शुतुरमुर्गी रवैया अपनाये हुये है। नियुक्ति की मांग करने पर नौजवानों को बेरहमी से पीटा जाता है। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का आचरण युवा पीढ़ी के साथ घोर अन्याय है। पूरे प्रदेश में छात्रों-नौजवानों का जो आक्रोश पनप रहा है वह 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को जरूर सबक सिखायेगा।