लखनऊ, भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध नेता एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री डा नेपाल सिंह का अंतिम संस्कार अलीगढ़ स्थित उनके पैतृक गांव में कर दिया गया।
अलीगढ़ जिले के कस्बा अतरौली क्षेत्र स्थित उनके पैतृक गांव चैंडौला सुजानपुर स्थित एक खेत में चिता को मुखाग्नि उनके बड़े पुत्र सौरभ सिंह ने दी। इस मौके पर भाजपा के जिला अध्यक्ष रिशीपाल सिंह और अतरौली के चेयरमैन पवन वर्मा भी मौजूद थे। इससे पूर्व मुरादाबाद में शव करीब आधा घंटे अंतिम दर्शन के लिए रखा गया।
भाजपा के 80 वर्षीय पूर्व सांसद का जन्म अलीगढ़ में हुआ था लेकिन कर्मस्थली अविभाजित मुरादाबाद जिला रहा। शुक्रवार को सिविल लाइंस कॉलोनी के जिगर कॉलोनी स्थित आवास पर भोजन करते समय दिल का दौरा पड़ गया था। उन्हें नजदीक के निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था,जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया गया। डॉ. सिंह मूलरूप से अतरौली क्षेत्र के चैंडौला सुजानुपर गांव के रहने वाले थे।
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान ने बताया कि शनिवार को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव ले जाने से पहले सुबह दस बजे तक मुरादाबाद में अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर रखा गया था। इस अवसर पर पूर्व सांसद सर्वेश सिंह,महापौर विनोद अग्रवाल, नगर विधायक रीतेश गुप्ता, कांठ विधायक के अलावा पार्टी संगठन से जुडे पदाधिकारी उपस्थित थे।
12 अगस्त 1940 को जन्मे डा सिंह कल्याण सिंह सरकार में सूबे के शिक्षा मंत्री रहे। नकल के खिलाफ उन्होंने सख्त कदम उठाया था, इससे पूरे प्रदेश में उनकी एक अलग पहचान बनी थी। डॉ. नेपाल सिंह का कार्यकाल बरेली-मुरादाबाद मंडल स्नातक निर्वाचन क्षेत्र रहा। वर्ष 1986 से 2014 के बीच वह पांच बार एमएलसी रहें। वर्ष 2014 में रामपुर से सांसद रहे। 2019 में उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिल पाया था। हालांकि, पार्टी के प्रति वह सदैव कर्मठ और निष्ठा के साथ कार्य किया।
कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री कार्यकाल में भले ही नेपाल सिंह शिक्षा मंत्री रहे हों मगर कल्याण सिंह के पार्टी छोडऩे पर वह भाजपा में रहे, उनके साथ नहीं गए। डॉ. नेपाल सिंह के निधन पर भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने शोक जताया है। विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं की ओर से ऑनलाइन बैठक का आयोजन कर शोकसभा की गई।