प्रयागराज, उत्तर मध्य रेलवे ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए प्रयागराज मंडल के प्रमुख स्टेशनों पर नौ बोतल क्रशिंग मशीन लगवा रही है और साथ में ष्सिंगल यूज़ प्लास्टिकष् पर अंकुश लगाने के लिए 50 माइक्रान से कम मोटाई की प्लास्टिक पन्नी को स्टेशन पर प्रतिबंधित किया है।
उमरे के जनसंपर्क अधिकारी सुनील कुमार गुप्ता ने गुरूवार को बताया कि यात्री पानी पीने के बाद स्टेशन या परिसर में बोतल इधर.उधर फेंक देते हैंए जिस कारण वहां गन्दगी फैलती है। उन्होंने बताया कि मंडल के प्रमुख स्टेशनों पर नौ बोतल क्रशिंग मशीन लगायी जा रही हैए जिससे पीने के पानी की बोतलों का दुबारा उपयोग नहीं किया जा सके।
उन्होंने बताया कि प्रयागराज में जंक्शन पर अभी एक बोतल क्रशिंग मशीन लगायी गयी है जबकि दूसरी जल्द लगायी जायेगी। इसके अलावा मंडल के तहत प्रमुख स्टेशनों अलीगढ स्टेशन पर दोए टूंडला स्टेशन पर एकए इटावा स्टेशन पर एकए कानपुर स्टेशन पर दोए तथा मिर्जापुर स्टेशन पर एक बोतल क्रशिंग मशीन लगाई जा रही हैद्य उन्होने बताया कि इन मशीनों द्वारा पीने की खाली बोतलों को काटने के बजाय प्रेस कर निस्तारण किया जायेगा।
श्री गुप्ता ने बताया कि इन मशीनों के स्थापित होने के पश्चात अनुपयुक्त बोतलों को नष्ट कर दिया जायेगाए जिससे स्टेशन एवं स्टेशन परिसर गन्दगी मुक्त होगा और स्वच्छता में वृद्धि होगी। यात्रियों से अनुरोध है की पानी पीने के पश्चात प्लास्टिक की खाली बोतलों को बोतल क्रशिंग मशीन के माध्यम से नष्ट करे अथवा स्वतः उसका पुनः उपयोग करें उन्होने बताया कि रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार स्टेशनों पर कचरे को संग्रह के लिए अलग.अलग डस्टबिन की व्यवस्था की गयी है। यात्रियों को जागरूक किया जाता है कि कचरा या खाद्य सामग्री इधर.उधर स्टेशन परिसर प्लेटफार्म या ट्रैक पर फेंकने से अनेक प्रकार की बीमारियाँ फैलती हैं और आवारा पशुओं के ट्रैक पर आने से कटने की संभावना भी बनी रहती है जिस कारण ट्रेन परिचालन भी प्रभावित होता है।
जन सम्पर्क अधिकारी ने बताया कि रेलवे यात्रियोंए वेंडरों एवं कर्मचारियों से अनुरोध करती है की प्लास्टिक से बने कैरी बैग्सष् का उपयोग रेल परिसर एवं ट्रेनों में न करें एवं स्वच्छता अभियान में रेलवे प्रशासन का सहयोग करें। उन्होने वेन्डरों से कहा कि वे यात्रियों को 50 माइक्रान से कम मोटाई की प्लास्टिक पन्नी में कोई सामान नहीं दें।