नई दिल्ली, प्रदेश में बढ़ते कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए। कोरोना संकट के बीच राजस्थान की गहलोत सरकार ने कर्मचारियों के वेतन में कटौती का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण फैसले के तहत यह तय किया गया कि कोरोना रोकथाम और कोविड कोष बनाने के लिए अब मुख्यमंत्री से लेकर कर्मचारियों तक का वेतन काटा जाएगा। वेतन कटौती में मुख्यमंत्री के अलावा , सभी मंत्री , अधिकारी और कर्मचारी शामिल होंगे।
आपको बता दें कि बैठक में कोविड -19 महामारी के दौरान मुख्यमंत्री के अलावा मंत्री, विधायक, अखिल भारतीय राज्य सेवा के अधिकारी, अधीनस्थ सेवा तथा अन्य राज्य कर्मचारियों के वेतन में कटौती किए जाने का भी निर्णय लिया गया। इसके तहत मुख्यमंत्री, मंत्री एवं राज्यमंत्री के प्रत्येक माह के सकल वेतन से सात दिवस का वेतन प्रतिमाह, समस्त विधायकों के सकल वेतन से एक दिवस का वेतन प्रतिमाह, अखिल भारतीय एवं राज्य सेवा के अधिकारियों का दो दिवस का और अधीनस्थ सेवा एवं अन्य राज्य कर्मचारियों के सकल वेतन में से एक दिवस का वेतन प्रतिमाह कटौती कर मुख्यमंत्री सहायता कोष (कोविड सहायता) में जमा कराया जाएगा। कटौती सितंबर 2020 से की जाएगी। राशि का उपयोग कोविड महामारी से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए की जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार यह कटौती का प्रावधान राजस्थान हाईकोर्ट एवं अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायाधीशों पर नहीं लागू होगा। इसके अलावा कोर्ट के अधिकारियों एवं कार्मिकों, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सा शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों तथा कार्मिकों, पुलिस कॉन्स्टेबल तथा एल-1 से एल-4 के वेतनमान में कार्यरत राज्य सरकार के समस्त कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा।