सीबीआई के पूर्व निदेशक के रिश्वतखाेरी मामले को लेकर, हाईकोर्ट ने दिया ये निर्णय
May 31, 2019
नयी दिल्ली, केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व निदेशक राकेश अस्थाना के रिश्वतखाेरी मामले की जांच पूरी करने को लेकर हाईकोर्ट ने खास कदम उठाया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व निदेशक राकेश अस्थाना के रिश्वतखाेरी मामले की जांच पूरी करने के लिए सीबीआई को चार महीने का समय और दिया है।
मांस व्यापारी मोइन कुरैशी के मामले की जांच कर रहे सीबीआई के उपाधीक्षक देवेन्द्र कुमार को इससे पहले गिरफ्तार किया गया था। उन्हें हैदराबाद के कारोबारी सतीश बाबू सना के बयान दर्ज करने के मामले में धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सना ने इस मामले में राहत पाने के लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी। उसे 22 अक्टूबर 2018 को गिरफ्तार किया गया था और 31 अक्टूबर को जमानत दे दी गयी थी।
अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक षडयंत्र, भ्रष्टाचार तथा आपराधिक कदाचार का मामला दर्ज किया गया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस वर्ष 11 जनवरी को सीबीआई की याचिका की सुनवाई के बाद जांच एजेंसी को 10 सप्ताह में जांच पूरी करने का समय दिया था। निर्धारित समय पूरा होने के बाद जांच एजेंसी ने अदालत से जांच पूरी करने के लिए कुछ समय की मोहलत मांगी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने अस्थाना, उपाधीक्षक कुमार और बिचौलिया मनोज प्रसाद के खिलाफ दर्ज मामले में सीबीआई को अपनी जांच पूरी करने के लिए चार महीने का और समय दिया।