श्रीगंगानगर, में दोपहर 12 से 3 बजे तक किसान आंदोलन के तहत राष्ट्रय और राज्य मार्गों पर चक्का जाम किया गया।
केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ देशव्यापी चल रहे किसान आंदोलन के तहत राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में राष्ट्रीय और राज्य मार्गों पर आज 50 जगहों पर किसानों ने धरने लगाकर चक्का जाम किया।
दोपहर 12 से 3 बजे तक चक्काजाम के दौरान इन सभी जगहों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी देखी गई। सड़क यातायात पूर्ण रूप से ठप रहा। मजदूरों और व्यापारिक संगठनों के साथ अन्य कई संस्थाओं एवं राजनीतिक दलों द्वारा चक्का जाम का समर्थन किया गया। इन संगठनों और संस्थाओं के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भी चक्का जाम में शामिल हुए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार सभी जगहों पर चक्का जाम शांतिपूर्वक रहा। कहीं किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। इस दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई। चक्काजाम शांतिपूर्वक निपट जाने पर जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली। लगभग तीन घंटे राजस्थान रोडवेज, लोक परिवहन सेवा सहित निजी बसों का भी आवागमन ठप रहा। इससे लोगों को परेशानी भी हुई। सैन्य वाहनों, रोगी वाहनों और विद्यार्थियों को ले जा रहे वाहनों को चक्का जाम के दौरान नहीं रोका गया।
श्रीगंगानगर जिले में चक्का जाम को कामयाब बनाने की जिम्मेवारी किसान संगठनों ने संभालीं, जिसमें ग्रामीण किसान मजदूर समिति (जीकेएस), अखिल भारतीय किसान सभा, किसान संघर्ष समिति, जय किसान आंदोलन, किसान आर्मी, एटा सिंगरासर नहर निर्माण समिति मुख्य रूप से शामिल रहे। वामपंथी दलों, आप पार्टी तथा कांग्रेस द्वारा इसका समर्थन किया गया। धरना स्थलों पर इन दोनों के नेता पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भी नजर आए।
श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय के सभी मार्गों पर चक्का जाम रहा। नेशनल हाईवे 62 पर अबोहर-पंजाब मार्ग पर साधुवाली चेक पोस्ट, कालूवाला-नाथावाला बाईपास पर बारहमासी नहर पुल के समीप, सूरतगढ़ रोड बाईपास और मिर्जेवाला बाईपास पर किसान संगठनों के पदाधिकारी व सदस्य दोपहर 11:30 बजे ही धरना लगाने के लिए एकत्रित हो गए। इन धरना स्थलों पर सभाएं भी की गईं जिसमें अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया। इस प्रकार पूरे जिले में पूरे 50 स्थानों पर चक्का जाम किए जाने से तीन घंटे तक जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ।