लखनऊ, लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के विकास और जनकल्याणकारी योजनाओं को परवान चढ़ाने के लिये समय प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना शुरू किया है।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने के लक्ष्य के साथ काम करने को आतुर श्री योगी ने अधिकारियों और मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ मैराथन बैठकों की बजाय अपने विभाग की उपलब्धियों और भविष्य की कार्ययोजनाओं के प्रस्तुतिकरण के लिये समय निर्धारित किया है जिसकी शुरूआत पांच अप्रैल से होगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विभिन्न विभागों के आला अधिकारियों को अपने विभाग की पिछले पांच साल की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष बतलाने के लिये आधा घंटे का समय मिलेगा। विभागों की समीक्षा का सिलसिला पांच अप्रैल से शुरू होगा। इसके लिये सूबे के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने दिशा निर्देश भी जारी कर दिये हैं।
इस क्रम में प्रत्येक विभाग के अपर मुख्य सचिव.प्रमुख सचिव अथवा सचिवों को 30 मिनट में अपने विभाग का प्रस्तुतिकरण देना होगा जिसमें पहले पांच मिनट में विभाग का संक्षिप्त परिचय, अगले पांच मिनट में पिछले पांच सालों में मुख्य उपलब्धियों का विवरण, दस मिनट में विभाग की 100 दिवस और छह माह की कार्ययोजना जिसमें बताया जायेगा कि उक्त कार्ययोजना को पूरा करने के लिये कैसे संसाधनो का उपयोग किया जायेगा।
इसके बाद बचे हुये दस मिनट में एक साल,दो साल,पांच साल की कार्ययोजना का ब्योरा अधिकारियों को मंत्रिमंडल के सामने देना होगा और साथ ही बताना होगा कि उसे पूरा करने के लिये कौन से संसाधनो का उपयोग किया जायेगा।
मुख्य सचिव ने कहा है कि आधे घंटे का प्रस्तुतिकरण स्पष्ट होना चाहिये। विभागों को प्रस्तुतिकरण की तारीख सूचित की जायेगी।