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यूपी में धार्मिक पर्यटन को लेकर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान

लखनऊ ,  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में उत्तर प्रदेश की झांकी को प्राप्त प्रथम पुरस्कार से राज्य के सांस्कृतिक एवं धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा।

गणतंत्र दिवस की परेड में उत्तर प्रदेश की झांकी ‘अयोध्या: उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर’को राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। पुरस्कार के रूप में प्राप्त ट्राॅफी और प्रशस्ति-पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आज उनके सरकारी आवास पर सौंपा गया। मुख्यमंत्री को यह पुरस्कार अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल तथा सूचना निदेशक शिशिर ने सौंपा। यह झांकी प्रदेश के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रस्तुत की गयी थी।

श्री योगी ने राष्ट्रीय स्तर का यह प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त करने पर उत्तर प्रदेश की जनता को बधाई देते हुए कहा कि हमारे प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत अत्यन्त समृद्ध है। प्रदेश में धार्मिक पर्यटन की असीमित सम्भावनाएं मौजूद हैं। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में पर्यटन आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

इससे पहले केन्द्रीय युवा कार्य एवं खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) किरण रिजिजू ने आज नई दिल्ली में अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल तथा सूचना निदेशक शिशिर को पुरस्कार के रूप में ट्राॅफी और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया।

इस अवसर पर श्री सहगल ने कहा कि झांकी को पहला स्थान मिलना हम सबके लिए हर्ष और गौरव की बात है। झांकी में प्रदेश की अत्यन्त सम्पन्न विरासत और संस्कृति की झलक दिखाई गयी है। इसमें अयोध्या में बनने वाले राम मन्दिर मॉडल के अलावा, रामायण के प्रमुख दृश्य और रामायण की रचना करते हुए महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा भी आकर्षण का केन्द्र रही। अन्य दृश्यों और संगीत के माध्यम से सामाजिक समरसता का संदेश देने की कोशिश की गई है।

सूचना निदेशक शिशिर ने उत्तर प्रदेश की झांकी की अपार सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन, अपर मुख्य सचिव सूचना के दिशा-निर्देशन व अपनी टीम की मेहनत को देते हुए कहा कि पावन नगरी अयोध्या ही वह स्थान है, जहां प्रथम बार मानवता को समता का संदेश मिला। हमें इस बात पर गर्व है कि समता का संदेश देने वाली अयोध्या को प्रथम स्थान मिला है। मुख्यमंत्री के कुशल निर्देशन में वरिष्ठ अधिकारियों की सशक्त टीम मनोयोग से कार्य कर रही है।

सूचना निदेशक ने इस उपलब्धि को टीमवर्क का नतीजा मानते हुए इसका श्रेय भी पूरी टीम को दिया। उन्होंने मुख्य सचिव आरके तिवारी, श्री सहगल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद के प्रति अपना आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर दिए गए अत्यन्त उपयोगी सुझाव व मार्गदर्शन ने सफलता का मार्ग प्रशस्त किया।

उन्होंने झांकी का निर्माण करने वाली विविड इण्डिया एडवरटाइजिंग के प्रति भी आभार व्यक्त किया।

ज्ञातव्य है कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ की परेड में उत्तर प्रदेश की ओर से ‘अयोध्या: उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर’ विषयक झांकी प्रस्तुत की गई थी। इस झांकी को देश की अन्य झांकियों से श्रेष्ठतम माना गया। इस बार उत्तर प्रदेश की झांकी में अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के भव्य मन्दिर सहित वहां की संस्कृति, परम्परा, कला और विभिन्न देशों के अयोध्या व प्रभु राम से सम्बन्धों का चित्रण किया गया था। अन्य भित्ति चित्रों में भगवान श्रीराम द्वारा निषादराज को गले लगाने और शबरी के जूठे बेर खाने, अहिल्या का उद्धार, हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाए जाने, जटायु-भगवान श्रीराम संवाद, लंका की अशोक वाटिका और अन्य दृश्यों को भी झांकी में जीवन्त किया गया था। मथुरा के कलाकारों नेे इस झांकी को जीवन्त करने का दायित्व निभाया।

परेड के दौरान झांकी पर ‘जहां अयोध्या सियाराम की देती समता का संदेश, कला और संस्कृति की धरती धन्य-धन्य उत्तर प्रदेश’ गीत का प्रसारण किया गया। गीतकार वीरेन्द्र सिंह वत्स के शब्दों को राहुल मिश्रा ने संगीतबद्ध कर अपने सुरीले स्वर दिए। संगीत की ध्वनि पर साध्वी बबिता अन्जाना व सन्तों के रूप में अजय भागवत,उमेश अनुराग,आशीष, पुनीत,जय व कोरियोग्राफर संजय शर्मा ने अपने अभिनय से श्रीराम मन्दिर के समक्ष भक्ति भावना का वातावरण साकार किया।