लखनऊ, लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय जवानों के साथ चीन की सेना के बर्ताव से उपजे लोगों के गुस्से का असर वहां के बने मोबाईल फोन की बिक्री मे आई कमी से दिखने लगा है। राजधानी मे पिछले पांच दिनों मे चीनी फोन की बिक्री मे बीस प्रतिशत की गिरावट आई है।
राजधानी के पत्रकारपुरम मे चीनी फोन ओप्पो का एक शो रूम है जिसमें पिछले पांच दिन मे एक भी फोन नहीं बिका है। इस बढते संकट मे मोबाइल कारोबारियों ने चीन का मोबाईल मंगाना बंद कर दिया है। लखनऊ का बाजार 70 प्रतिशत से अधिक चीनी फोन से पटा हुआ है।अब कारोबारी अमेरिका,दक्षिण कोरिया,ताइवान और फिनलैंड से कारोबार बढाने पर जोर दे रहे हैं।
गलवान घाटी मे 15 जून की घटना के बाद से ही मोबाइल कारोबारियों और ग्राहकों का गुस्सा चीनी उत्पाद के विरोध मे बढ रहा है। राजधानी मे मोबाइल के एक बडे कारोबारी सुलभ.ने कहा कि अब मोबाइल खरीदने आने वाले सभी ग्राहक यह जरूर पूछते हैं कि कहां का बना है। इसमें पचास प्रतिशत से अधिक लोग चीन का नाम सुन अपना इरादा बदल देते हैं। कुछ ग्राहक कोई विकल्प नहीं होने पर ही इसे खरीदते हैं।
लखनऊ मोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज जौहर ने कहा कि अब दुकानदार भी चीन के बने मोबाइल को नहीं बेचना चाहते। अभी भी बाजार मे 70 प्रतिशत मोबाइल चीन के ही हैं लेकिन अब इसमें विकल्प.के लिये अमेरिका,ताइवान और दक्षिण कोरिया की कंपनियों से बात की जा रही है।
लखनऊ में हजरतगंज के निकट श्रीराम टावर मोबाइल फोन का हब है। यहां सभी मोबाइल कंपनियों के बडे बडे शो रूम हैं। श्रीराम टावर मे दो हजार से अधिक लोग काम करते हैं। यहाँ के कारोबारी अब तक फोन मे चीनी एप.भी लोड किया करते थे लेकिन.अब इसके लिये मना कर रहे हैं.और लोगों को बता.भी रहे हैं कि इसके कैसे कैसे नुकसान हैं।एक कारोबारी ने कहा कि मोबाइल मे अब टिकटाक की जगह मित्रो एप लोड किया जा रहा.है।ग्राहक खुद बडी संख्या मे चीनी एप को हटवाने आ रहे हैं।