इस बीच, पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद मामले में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कथित पीड़िता का चिकित्सीय परीक्षण कराया।
विशेष जांच दल चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली एलएलएम की छात्रा को कड़ी सुरक्षा के बीच मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचा।
मेडिकल कॉलेज की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक अनीता धस्माना ने बताया कि डॉक्टरों के पैनल ने छात्रा का चिकित्सीय परीक्षण किया।
चिन्मयानंद ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर गठित एसआईटी पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर रही है और उन्हें उसपर पूरा भरोसा है।
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ साजिश हो रही है और एसआईटी की जांच के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
उधर, एसआईटी ने ओम सिंह से भी करीब पांच घंटे तक पूछताछ की है।
चिन्मयानंद के अधिवक्ता ने शहर के कोतवाली थाने में अज्ञात मोबाइल नंबर से पांच करोड़ रुपए की रंगदारी मांगे जाने का एक मामला दर्ज कराया था।
सिंह ने बताया कि स्वामी चिन्मयानंद को हाल में व्हाट्सएप पर एक संदेश भेज कर पांच करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई थी। इसी मामले को लेकर आज एसआईटी टीम ने उन्हें पुलिस लाइन बुलाकर पांच घंटे तक पूछताछ की।
इसके पूर्व, एसआईटी की टीम ने मंगलवार को मामले की कथित पीड़िता के हॉस्टल के कमरे की करीब आठ घंटे तक छानबीन की और साक्ष्य जुटाये। इस दौरान कुछ आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद हुई है।
छात्रा के पिता ने बताया कि कमरे से जो भी आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है वह किसी ने जानबूझकर रखी है, क्योंकि उसका कमरा यह मामला सामने आने के तीन दिन बाद सील किया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि कमरे में रखा उनकी बेटी का पर्स, उसमें रखी चिप, गद्दा और चादर के अलावा वह चश्मा भी गायब है,जिसमें कैमरा लगा हुआ था।
स्वामी सुखदेवानंद विधि महाविद्यालय में एलएलएम करने वाली एक छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल करके कहा था कि एक संन्यासी ने कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी है और उसे और उसके परिवार को इस संन्यासी से जान का खतरा है।
उसके बाद लड़की के पिता ने स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध दुष्कर्म एवं शारीरिक शोषण की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दी जिसे पुलिस ने दर्ज नहीं किया।
बाद में, पुलिस ने चिन्मयानंद के विरुद्ध अपहरण और जान से मारने की धमकी की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया था। उसके कई दिन बाद वह छात्रा राजस्थान के दौसा स्थित एक होटल से बरामद की गयी थी। मामले में उच्चतम न्यायालय ने हस्तक्षेप करते हुए जांच के लिये एसआईटी गठित करने के आदेश दिये थे।