लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सोमवार को यहां उनके सरकारी आवास पर भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर भारत और जर्मनी के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों की चर्चा करते हुए उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश को लेकर सार्थक विचार-विमर्श हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 500 से अधिक वर्षों के व्यापारिक इतिहास के साथ भारत तथा जर्मनी आर्थिक सहयोग के समान अतीत से जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में दोनों देशों के बीच पारस्परिक संबंध नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं उन्होंने कहा कि 24 करोड़ की आबादी वाला उत्तर प्रदेश देश की कुल जीडीपी में 08 प्रतिशत की हिस्सेदारी करता है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत के चौथे सबसे बड़े राज्य के रूप में तथा भारत में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में निवेशकों की आवश्यकताओं/अपेक्षाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था, पर्याप्त और निर्बाध बिजली, विशाल लैंड बैंक की उपलब्धता उद्योगों के लिए उत्साहजनक है। हमारी उद्योग अनुकूल नीतियों से प्रदेश का व्यवसायिक-औद्योगिक माहौल बदला है। सिंगल विंडो प्रणाली सहित उद्योग जगत की जरूरतों के अनुसार 25 सेक्टोरल पॉलिसीज तैयार की गई हैं। राज्य सरकार प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप औद्योगिक विकास के लिए उद्यमियों को सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने को तत्पर है।
औद्योगिक विकास के लिए उत्तर प्रदेश में सभी जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध हैं। उत्तर प्रदेश आज एक्सप्रेस वे प्रदेश बन रहा है। बहुत जल्द यह 05 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला राज्य होगा। हल्दिया से वाराणसी तक पहला इनलैंड वाटर वे उत्तर प्रदेश में ही है। यहां पर डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तथा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर उत्तर प्रदेश से गुजरते हैं। राज्य में दादरी तथा बोराकी में मल्टीमोडल लॉजिस्टिक/ट्रांसपोर्ट हब की स्थापना की जा रही है। जर्मनी की कंपनियों को यहां अनुकूल माहौल प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा “ गौतम बुद्ध नगर में जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास ही हम भव्य फ़िल्म सिटी की स्थापना कर रहे हैं। यहीं मेडिकल डिवाइस पार्क और फिन-टेक सिटी का विकास हो रहा है। यहां निवेशकों के लिए असीम संभावनाएं हैं। हमारे पास सबसे बड़ा एमएसएमई बेस है। इस क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। जर्मनी की तकनीक और इनोवेटिव नीतियां इनके विकास के लिए अत्यंत उपयोगी हो सकती हैं। हम इस दिशा में सहयोग की अपेक्षा रखते हैं। उत्तर प्रदेश में स्थापित हो रहा डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर जर्मनी के लिए निवेश के अवसरों से भरा हुआ है। हमारे पास विशाल भूमि है, पर्याप्त मानव संसाधन है। हम रक्षा उत्पादन की इच्छुक निवेशक कंपनियों को सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध करा रहे हैं। जर्मनी के लिए यह अच्छा मंच है। यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर में निवेश के लिए विचार किया जाना चाहिए।”
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार आगामी 10 से 12 फरवरी तक प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर रही है। इस समिट के माध्यम से हम उत्तर प्रदेश में व्यापार के असीम अवसरों को प्रदर्शित करेंगे तथा भारत की प्रगति यात्रा में हमारे साथ सहयोग करने के लिए वैश्विक व्यापारिक समुदाय को एक उत्कृष्ट मंच उपलब्ध कराएंगे। इस फ्लैगशिप इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से हम निवेशक समुदाय के बीच उत्तर प्रदेश के निवेश आकर्षण और राज्य के समेकित विकास हेतु अवसरों को सृजित करने की आकांक्षा रखते हैं।
वार्ता के दौरान राजदूत फिलिप ने कहा कि जर्मनी और भारत के बीच मजबूत आर्थिक संबंध हैं। वैज्ञानिक और सामाजिक विनिमय, जलवायु,पर्यावरण, सतत विकास और ऊर्जा जैसे अनेक क्षेत्रों में हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। बीते छह वर्षों में उत्तर प्रदेश में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। बेहतर कानून-व्यवस्था में बड़ा सुधार हुआ है। इंफ्रास्ट्रक्चर डिवलेपमेंट के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हुआ है। एयरपोर्ट, एक्सप्रेस-वे, वॉटर वे और मेट्रो सहित परिवहन व्यवस्था को आधुनिक बनाने के सभी प्रयास किये जा रहे हैं।
जर्मन राजदूत ने कहा कि वृहद पौधारोपण, सिंगल यूज पॉलीथिन पर रोक और नदी पुनर्जीवन जैसे प्रयासों के माध्यम से उत्तर प्रदेश ने पर्यावरण संरक्षण और इको सिस्टम को बेहतर करने में बड़ी भूमिका निभाई है। जर्मनी इन प्रयासों की सराहना करता है। जर्मनी उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित मेट्रो लाइट परियोजनाओं में सहयोग करने को तैयार है। जर्मनी इस महत्वपूर्ण परिवहन परियोजना में अपना तकनीकी विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित कराएगा।
उत्तर प्रदेश के शैक्षिक परिदृश्य की सराहना करते हुए जर्मन राजदूत ने कहा कि वर्तमान में आईआईटी कानपुर और एमएमएमयूटी गोरखपुर के साथ जर्मनी के संस्थान शोध, अनुसंधान और प्रशिक्षण में सहयोग कर रहे हैं। इंडो-जर्मन साइंटिस्ट काउंसिल, उत्तर प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों के साथ कार्य करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। निकट भविष्य में इसके अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। उत्तर प्रदेश के साथ हम कई क्षेत्रों में अच्छे सहयोगी की भूमिका में हैं। आगामी फरवरी में उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जर्मनी के अनेक उद्योग समूह उत्तर प्रदेश आने को इच्छुक हैं। यह समिट दोनों देशों के पारस्परिक संबंधों को और मजबूत करने वाला होगा।