लखनऊ , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण के प्रसार को काबू में करने के लिये टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाने के निर्देश दिये हैं।
श्री योगी ने कहा कि टेस्टिंग के लिए प्रदेश में उपलब्ध सभी संसाधनों का उपयोग किया जाना चाहिये। इसके लिये पं दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, गौ-अनुसंधान संस्थान, मथुरा तथा लखनऊ स्थित केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई),भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईआईटीआर) तथा बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान (बीएसआईपी) जैसे उच्चस्तरीय शोध संस्थानों की टेस्टिंग क्षमता का उपयोग करने पर विचार किया जाए।
उन्होंने कहा कि सहारनपुर में एक लैब क्रियाशील की जानी चाहिए। प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर टेस्टिंग लैब स्थापित होनी चाहिए। कोशिश यह होना चाहिये कि आगामी एक सप्ताह में उत्तर प्रदेश टेस्टिंग क्षमता की दृष्टि से देश का नम्बर वन राज्य बन जाए।
श्री योगी ने कहा कि आयुष के चिकित्सकों, नर्सिंग तथा पैरामेडिकल के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इनकी सेवाएं भी प्राप्त की जा सकें। एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों में 52 हजार बेड की व्यवस्था करते हुए, इसे चरणबद्ध रूप से बढ़ाकर एक लाख बेड किया जाना है।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों में स्थित उत्तर प्रदेश के प्रवासी कामगारों/श्रमिकों से घर वापस आने के लिए पैदल यात्रा न करने की अपील की है। सरकार अपने प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों की सुरक्षित वापसी के लिए सम्बन्धित राज्य सरकारों से सम्पर्क में है। प्रदेश सरकार ने सम्बन्धित राज्य सरकारों से प्रवासी श्रमिकों के नाम, पते, टेलीफोन नम्बर तथा स्वास्थ्य परीक्षण की स्थिति सहित सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है, ताकि उनकी सुरक्षित वापसी की कार्य योजना को आगे बढ़ाया जा सके।