यूपी मे खतरनाक होने लगा कोरोना वायरस, इतने नये केस आये?
March 29, 2020
लखनऊ , नोवल कोरोना वायरस से निपटने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार के हरसंभव प्रयास के बावजूद शनिवार को 15 नये मरीजों की पहचान के बाद सूबे में कोविड-19 पाजीटिव की तादाद बढ़ कर 65 हो गयी है। नये मामलों में नौ नोएडा से हैं जबकि पांच मेरठ और एक मरीज वाराणसी का है।
सूबे में अब तक एक ही दिन में मिले मामलों की यह सर्वाधिक तादाद है। नोएडा सरकार की परेशानी का सबब बना हुआ है जहां सबसे अधिक नौ मरीज आज मिले हैं। यहां अब कोरोना पाजीटिव की संख्या बढ़ कर 27 हो चुकी है वहीं मेरठ में एक ही दिन में पांच नये मरीजों की पहचान हुयी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अब तक मिले काेरोना पाजीटिव में गाजियाबाद में पांच,नोएडा में 27,लखनऊ में आठ,आगरा में दस,मेरठ में पांच,मुरादाबाद में एक,वाराणसी में दो,कानपुर में एक,पीलीभीत में दो, जौनपुर में एक ,शामली में एक,बागपत में एक मरीज शामिल है।
उन्होने बताया कि कोरोना संक्रमित 14 मरीज इलाज के बाद स्वस्थ होकर घर भी जा चुके है जिनमे आगरा में सबसे ज्यादा सात,नोएडा में चार,गाजियाबाद में दो और लखनऊ का एक मरीज शामिल है।
इस बीच गौतमबुद्धनगर के मुख्य चिकित्साधिकारी डा अनुराग भार्गव ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर एक कंपनी प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा है। उनका आरोप है कि कंपनी कोरोना संक्रमण को बढावा दे रही है। पत्र में कहा गया है कि कंपनी ने विदेश भ्रमण करके आये कर्मचारियों के मामले में शिथलता बरती और जिला प्रशासन से उनकी जानकारी साझा नहीं की। यही वजह कोरोना संक्रमण के विस्तार का कारक बनी है।
मेरठ में कोरोना पाजीटिव मरीज मिलने से सतर्क हुआ प्रशासनिक अमले ने उसके खुर्जा स्थित पैतृक आवास को सैनीटाइज किया और उसके आठ रिश्तेदारों को होम क्वारांटाइन किया। बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि पीड़ित खुर्जा का जरुर है मगर पिछले दो वर्षों से वह मेरठ और मुजफ्फरनगर मे ही रह रहा था। पिछले दिनो वह महाराष्ट्र के अमरावती से मुबंई होते हुये मेरठ आया था। तबियत खराब होने पर जांच कराई गई तो इस व्यक्ति में कोरोना पोज़िटिव पाया गया।
उन्होने कहा कि इस शक कि संक्रमित व्यक्ति कभी खुर्जा आया होगा तो अन्य परिजन भी प्रभावित न हुए हों। इसके मद्देनजर एसडीएम सीओ और स्वास्थ्य विभाग की चार टीमे उसके खुर्जा स्थित मकान पर आ पहुंची। मेडिकल टीम ने सावधानी बरतते हुए पूरा इलाका सेनिटाइज़ कराया है। घर मे रह रहे आठ लोगों को भी सुरक्षा के लिये 14 दिन के लिए होम आइसुलेशन के लिए रखा गया है।
सूत्रों ने बताया कि यूपी में 959 संदिग्ध मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है जिनमें से 133 अभी अस्पतालों में भर्ती है वहीं 28 दिनों का एकांतवास पूरा करने वाले यात्रियों की तादाद 41 हजार 217 है। रिपोर्ट के अनुसार अब तक लिये गये 2284 संदिग्धो के नमूनों में 2171 की रिपोर्ट निगेटिव आयी है जबकि 52 की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
उधर, गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने एक स्थान पर मिले चार कोरोना पाजीटिव मरीजों की पुष्टि होने के बाद उनके निवास स्थान सेक्टर 44 स्थित बंगले सील कर दिया है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि हालात पूरी तरह नियंत्रण में है और किसी को चिंतित अथवा भयग्रस्त होने की जरूरत नहीं है। उन्होने कहा “ अब तक मिले 61 मरीेजों में 14 स्वस्थ होकर घर वापस जा चुके है जबकि 47 का इलाज अस्पतालों में चल रहा है। अस्पताल में भर्ती सभी मरीजो की हालत स्थिर है। ”
श्री प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में कोरोना जांच की आठ प्रयोगशालायें काम कर रही हैं जिनमें तीन लखनऊ में है। जल्द ही झांसी में भी यह सुविधा मिलने लगेगी।
उन्होने कहा “ हमने आइसोलेशन के लिये सार्वजनिक क्षेत्र में पांच हजार बेड का इंतजाम किया है जिसकी संख्या बढ़ा कर 15 हजार की जा सकती है। इसके अलावा अगर जरूरत पड़ी तो निजी अस्पतालों को कोविड अस्पतालों तब्दील कर दिया जायेगा। ”
स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि क्वारांटाइन के लिये राज्य में छह हजार बेड हैं जबकि जरूरत पड़ने पर स्कूल और कालेजों को भी क्वारांटाइन के बढ़े मामलों के लिये इस्तेमाल किया जायेगा।
श्री प्रसाद ने कहा कि सरकार ने कोविड 19 मरीजों के इलाज के लिये त्रिस्तरीय प्रणाली बनायी है। पहले स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) में मौजूद डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया गया है।
उन्होने कहा कि विभिन्न देशाें से राज्य में आये करीब 60 हजार लोगों को 28 दिनों के लिये सर्विलांस पर रखा गया है और उनके स्वास्थ्य पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। उन्होने कहा “ अगर हमे किसी स्थान पर कोई पाजीटिव केस मिलता है तो हम उस क्षेत्र में तीन किमी की परिधि पर आवागमन रोक देंगे। ”