उत्तराखंड हाईकोर्ट ने छात्रवृत्ति घोटाले में, एसआईटी से मांगी प्रगति रिपोर्ट
August 9, 2019
नैनीताल, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने करोड़ों रुपये के अनुसूचित जाति.जनजाति छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में विशेष जांच दल ;एसआईटीद्ध को 22 अगस्त तक पूरी प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की युगलपीठ ने देहरादून निवासी रवीन्द्र जुगरान की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को ये निर्देश जारी किये। अदालत ने प्रकरण की जांच कर रहे दोनों विशेष जांच दलों को ये निर्देश जारी किये हैं। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सीण्केण् शर्मा ने आज अदालत को बताया कि पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल की निगरानी में गठित विशेष जांच दल ने प्रदेश के 11 जिलों में घोटाले की जांच अभी शुरू नहीं की है। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा कि देहरादून और हरिद्वार जिलों की जांच में भी कोई खास प्रगति नहीं हुई है।
घोटाले के कथित आरोप में एसआईटी अभी तक निजी काॅलेजों एवं हरिद्वार के पूर्व समाज कल्याण अधिकारी समेत 12 लोगों को गिरफ्तार कर चुका है। उन पर अनुसूचित जाति.जनजाति छात्रों के छात्रवृत्ति के नाम पर सरकारी खजाने से करीब 87 करोड़ रुपये का गबन का आरोप है।
याचिकाकर्ता ने लगभग 500 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए पिछले साल एक जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वर्ष 2003 से 2016 के बीच देहरादूनए हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जनपदों में यह घोटाला हुआ है। इसके बाद सरकार ने इस मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी।
अदालत ने इस वर्ष 09 जनवरी को राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी के फैसले काे रद्द कर दिया था और भारतीय पुलिस सेवा ;आईपीएसद्ध के अधिकारी टीण्एसण् मजूंनाथ की अगुवाई में एक एसआईटी का गठन किया था और उसको पूरे प्रकरण की जांच सौंपी थी।
इसके बाद अदालत ने 05 जुलाई को महत्पूर्ण फैसला लेते हुए घोटाले की जांच का दायरा बढ़ा दिया था। अदालत ने प्रदेश के सभी जनपदों में घोटाले की जांच को बढ़ा दिया था। पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल की अगुवाई में एक और विशेष जांच दल का गठन कर देहरादून और हरिद्वार जनपदों को छोड़कर उसे प्रदेश के शेष 11 जनपदों की जांच की जिम्मेदारी सौंप दी थी। दो जनपदों की जांच टीण्एसण् मंजूनाथ की अगुवाई वाले विशेष जांच दल को सौंपी थी।