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यूपी की ग्राम पंचायतों में बैंकिंग काॅरेस्पाॅन्डेंट सखी की तैनाती का फैसला

लखनऊ ,  उत्तर प्रदेश सरकार ने महिला सशक्तिकरण के अभिनव प्रयोग के तहत राज्य की 58 हजार ग्राम पंचायतों में बैंकिंग काॅरेस्पाॅन्डेंट सखी (बीसी सखी) की तैनाती का फैसला किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बैंकिंग सखी जिस गांव की होंगी, उसी में उनकी तैनाती की जायेगी जहां वे बैंकिंग लेन-देन डिजिटल विधि से सम्पन्न करेंगी। उन्होंने इनकी तैनाती की प्रक्रिया तत्काल प्रारम्भ करने के निर्देश देते हुए कहा कि बैंकिंग सखी को हर महीने चार हजार रूपये के मानदेय के हिसाब से छह महीने के लिये 24 हजार रूपये और 50 हजार रुपये डिवाइस के लिये प्रदान किये जाएंगे। इसके साथ ही बीसी सखी स्वयं बैंकों के माध्यम से होने वाले प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर आय अर्जित कर सकेंगी।

सरकार के इस फैसले से करीब 430 करोड़ रुपये की धनराशि उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा व्यय की जाएगी। इससे पहले श्री योगी ने अपने सरकारी आवास पर उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत लगभग 32 हजार स्वयं सहायता समूहों को रिवाॅल्विंग फण्ड एवं कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फण्ड के 218.49 करोड़ रुपये आनलाइन हस्तांतरित किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। महिला स्वयं सहायता समूहों को रिवाॅल्विंग फण्ड एवं कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फण्ड के माध्यम से स्वावलम्बी बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों की प्रतिभा को प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर उन्होने गोरखपुर, बिजनौर, चन्दौली, बांदा, अम्बेडकरनगर, अलीगढ़, बस्ती की लाभार्थियों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद भी किया।

उन्होने कहा कि कोविड-19 महामारी की विषम परिस्थितियों में स्वयं सहायता समूह की 12 हजार से अधिक महिलाओं द्वारा लगभग आठ करोड़ रुपये मूल्य के 57 लाख से अधिक मास्क आदि का निर्माण कर स्वास्थ्य विभाग, पंचायतीराज विभाग, पुलिस विभाग एवं अन्य विभागों के कर्मियों को उपलब्ध कराये गये।

श्री योगी ने कहा कि जिलों में खाद्यान्न वितरण के दौरान कोटेदार एवं विभागीय कर्मियों को 80 हजार से अधिक मास्क उपलब्ध कराये गये। उन्होंने सस्ते मास्क की उपलब्धता पर बल देते हुए कहा कि ऐसा प्रयास हो कि लोगों को 10 रुपए में दो मास्क मिल जाएं। उन्होंने कहा कि 380 से अधिक स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा साढ़े आठ हजार लीटर से अधिक सेनिटाइजर बनाया गया। महिलाओं द्वारा स्वयं के संसाधनों से 139 मीट्रिक टन से अधिक अनाज एकत्र करते हुए 16 हजार से अधिक परिवारों को निःशुल्क वितरित किया गया।

उन्होने कहा कि समूह की महिलाओं द्वारा 27 हजार से अधिक पीपीई किट तैयार कर अस्पतालों, विशेषकर सेना के कमाण्ड अस्पताल, लखनऊ एवं कोरोना की लड़ाई में समाज की प्रथम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं को उपलब्ध कराई गई। स्वयं सहायता समूह की 350 से अधिक महिला सदस्यों द्वारा 100 से अधिक कम्युनिटी किचन के माध्यम से 25 हजार 225 गरीब एवं वंचित लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया। कोविड-19 आपदा के दौरान ग्राम स्तर पर कार्यरत ‘बीसी सखी’ द्वारा 18 करोड़ रुपये से अधिक का ट्रांजेक्शन करते हुए ग्रामीण परिवारों को उनके घर पर धनराशि उपलब्ध करायी गई।

श्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में रोजगार की असीम सम्भावनाएं हैं। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए तीन करोड़ 60 लाख यूनिफाॅर्म, एक करोड़ 80 लाख स्वेटर तथा बैग आदि वितरित किये जाते हैं। इनके निर्माण कार्याें से जोड़कर महिलाओं को वृहद स्तर पर रोजगार दिया जा सकता है। प्रदेश को रेडीमेड गारमेंट के एक बड़े हब के रूप में विकसित किया जा सकता है। प्लम्बर, राजमिस्त्री, इलेक्ट्रिशियन, पेन्टर आदि को बड़ी संख्या में रोजगार मुहैया कराया जा सकता है। प्रदेश में आ रहे प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों की उनकी कौशल क्षमता के आधार पर स्क्रीनिंग की जा रही है।

इस मौके पर ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोती सिंह) ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करके ही प्रदेश को ऊर्जित किया जा सकता है। ज्ञातव्य है कि आज रिवाॅल्विंग फण्ड के रूप में 13,882 स्वयं सहायता समूहों को, प्रति समूह 15 हजार रुपये की दर से, 20.97 करोड़ रुपये अन्तरित किये गये। सामुदायिक निवेश निधि के रूप में 17,956 स्वयं सहायता समूहों को प्रति समूह 1,10,000 हजार रुपये की दर से 197.51 करोड़ रुपये अन्तरित किए गए हैं।

वर्तमान में उप्र राज्य ग्रामीण आजीविक मिशन सभी 75 जनपदों के 592 विकास खण्डों में इण्टेंसिव रणनीति के रूप में क्रियाशील हैं। अब तक कुल 3,60,187 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। इसके तहत 38,25,649 परिवार आच्छादित हुए हैं। अब तक 2,21,799 स्वयं सहायता समूहों को रिवाॅल्विंग फण्ड के रूप में प्रति समूह 15 हजार रुपये की धनराशि दी गयी है। 1,18,964 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि के रूप में प्रति समूह 1,10,000 रुपये की धनराशि दी गयी है।