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जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की मांग संसद में उठी

तृणमूल कांग्रेस,नेशनल कॉफ्रेंस ने की जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की मांग

नयी दिल्ली, जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की संसद में मांग उठी।

तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय ने आज लोक सभा में कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के एक साल बाद भी जम्मू-कश्मीर की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

शून्य काल के दौरान सौगत रॉय ने सरकार से राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती महबूबा समेत जम्मू-कश्मीर के 230 राजनीतिक नेताओं की रिहाई की मांग की जो अभी भी जम्मू-कश्मीर में हिरासत में हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 18 पत्रकार भी हिरासत में हैं। साथ ही मोबाइल फोन और इंटरनेट सुविधा भी बाधित है और मानव अधिकार आयोग भी बंद है जो बेहद चिंताजनक बात है।

शून्य काल के दौरान ही इसी मुद्दे पर नेशनल कांफ्रेंस के सांसद फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से प्रदेश के हालात में कोई सुधार नहीं हुआ। जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट 4 जी सेवा नहीं है, ऐसे में सरकार बताए कि बच्चे शिक्षा हासिल कैसे कर सकते हैं।