विवेक तिवारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी के खिलाफ कार्रवाई के बाद राज्य पुलिस कर्मचारी परिषद और अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन उसके समर्थन में उतर आया है डीजीपी के मना करने के बावजूद सिपाहियों ने 5 अक्तूबर यानी आज अपना विरोध दर्ज कराया.
इसी क्रम में ज्यादातर सिपाहियों ने अपनी व्हाट्सअप की प्रोफाइल फोटो ब्लैक कर दी है. पुलिस कर्मचारी परिषद के जनरल सेक्रेटरी अविनाश पाठक ने सरकार और पुलिस के अधिकारियों पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि विवेक तिवारी हत्याकांड में दोनों सिपाहियों को राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है. उन्होंने कहा कि संगठन चुप नहीं बैठेगा. आज काला दिवस मनाने के साथ विरोध के लिए 6 अक्तूबर को इलाहाबाद में अगली बैठक होगी.
पुलिस के मुताबिक सर्वेश के अलावा कुछ अन्य सिपाही सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डाल रहे हैं उनके खिलाफ भी हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है. राज्य डीजीपी ओपी सिंह ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रामक संदेश फैलाने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.
विवेक तिवारी हत्याकांड के आरोपी पुलिस के समर्थन में आए अन्य पुलिसकर्मियों का मानना है कि बिना मामले की जांच किए उन्हें जेल भेज दिया गया है. इस पर पुलिस वेलफेयर एसोसियेशन ने सीएम को पत्र भी लिखा है और कहा है कि अब तक जितने भी पुलिसवालों ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान दी है उनके परिवार वालों को 40-40 लाख रुपए दिए जाएं इसके साथ ही उनके परिवार वालों और बच्चों को सरकारी नौकरी दी जाए.