नई दिल्ली, भोजपुरी सुपर स्टार खेसारी लाल यादव ने लाकडाउन में हुई गंदी राजनीति का बड़ा खुलासा किया है। उन्होने केंद्र सरकार सहित यूपी, बिहार और महाराष्ट्र सरकार पर भी आरोप लगायें हैं।
कोरोनाकाल के दौरान लॉकडाउन में पैदल घर जाने को मजबूर बिहार और यूपी के प्रवासियों की मदद नहीं करने का दर्द भोजपुरी सुपर स्टार को आज भी सालता है और इस पर उनका गुस्सा केंद्र सरकार सहित यूपी, बिहार और महाराष्ट्र सरकार पर उतरता है। उन्होने बताया कि प्रवासियों की मदद करने के पवित्र काम में भी सरकारों ने भेदभाव किया है। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण वे स्वयं हैं।
खेसारी लाल यादव ने आगे कहा कि मुझे दुख है कि लॉकडाउन में मैं लोगों की मदद नहीं कर पाया। उन्होने कहा कि मैं दो ट्रेनों की 21-21 बोगी बुक करने के बाजवूद अपने लोगों के नहीं भेज पाया। मैं दो नहीं 40 ट्रेन भेज सकता था लेकिन सरकार ने मेरी मदद नहीं की। उन्होने बताया कि प्रवासियों को विभिन्न स्थानों पर भेजने के लिये सरकार से परमिशन लेना पड़ता था कि आप जिन लोगों के भेज रहे हैं वे कहां उतरेंगे? कहां जाएंगे? ये सहयोग मुझे सरकार से नहीं मिला।
सुपर स्टार खेसारी ने कहा कि अगर सरकार ने मुझे परमीशन का लेटर दे दिया होता, चाहे वो यूपी सरकार हो या बिहार सरकार, तो मैं दो ही ट्रेन नहीं शायद मैं 40 ट्रेन भेज सकता था। इतनी क्षमता जनता ने मुझे दी है। राज्य सरकारों पर मदद नहीं करने का आरोप लगाते हुए आगे उन्होने कहा कि अगर मुझे घर भी बेच कर भेजना पड़ता तो भेजता, लेकिन ना तो महाराष्ट्र सरकार, ना तो बिहार सरकार और ना ही यूपी सरकार ने कोई मदद की।
भोजपुरी स्टार ने आगे कहा कि मैं दो ट्रेनों की 21-21 बोगी बुक करने के बाजवूद अपने लोगों के नहीं भेज पाया। इसके लिए बड़ी हस्तियों की जरूरत होती है जो कि सोनू सूद के साथ थीं। अगर ऐसा मेरे साथ होता तो मैं 2 ट्रेन 50 बस नहीं बल्कि सैकड़ों बस भेजता।
खेसारी लाल यादव ने आगे कहा कि अगर सरकार ने सहयोग किया होता तो आज जिस जगह पर सोनू सूद खड़े हैं, उस जगह पर खेसारी लाल यादव खड़ा होता। खेसारी लाल ने कहा कि जहां तक संभव हो पाया मैंने लोगों की मदद की। मैंने पैसे पहुंचाए, बिहार में बाढ़ पीड़ितों की मदद की। लेकिन मुझे इस बात का आज भी दुख है कि कोरोनाकाल में मैं खुलकर लोगों की मदद नहीं कर पाया।