एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने, मीडिया की स्वतंत्रता में कटौती पर उठाया सवाल
August 10, 2019
नयी दिल्ली, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कश्मीर घाटी के साथ संचार संपर्क बंद होने और इसके परिणामस्वरूप वहां के घटनाक्रम के बारे में उचित एवं निष्पक्ष तरीके से खबर देने की ‘‘मीडिया की स्वतंत्रता और क्षमता में कटौती’’ को लेकर शनिवार को चिंता जतायी। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की ओर से यह बयान केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख में बांटने के कुछ दिन बाद आया है।
गिल्ड ने कहा कि वहां गए कुछ पत्रकार घाटी से वापस आने के बाद अपनी खबरें लिख सकेंगे लेकिन यह पाबंदी उस स्थानीय मीडिया के लिए ‘‘पूर्ण और कठोर’’ है जो कि वास्तविकता को जमीनी स्तर पर पहले देखते और सुनते थे। बयान में कहा गया है कि सरकार को अच्छी तरह पता था कि अब इंटरनेट के बिना खबरें प्रकाशित करना असंभव है। गिल्ड ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश की जनता के प्रति सरकार का यह कर्तव्य है कि वह प्रेस को स्वतंत्र तरीके से काम करने दे जो कि लेाकतंत्र का महत्वपूर्ण स्तंभ है। गिल्ड ने कहा कि वह कश्मीर घाटी के साथ संचार संपर्क को बंद रखे जाने से बहुत चिंतित है।
गिल्ड ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह मीडिया संचार संपर्क बहाल करने के लिए तुरंत कदम उठाए। उसने कहा कि मीडिया पारदर्शिता हमेशा से भारत की ताकत है और रहनी चाहिए, भय नहीं। गिल्ड ने इसके साथ ही उन सभी पत्रकारों की प्रशंसा की और उनके साथ एकजुटता जतायी जो अभूतपूर्व चुनौतियों के बावजूद वहां से रिपोर्टिंग कर रहे हैं।