लखनऊ, यूपी के बिजली विभाग मे अरबों का घोटाला सामने आया है, पिछले दो सालों मे गलत ढंग से ठेका दिये जाने मे बड़ी गड़बड़ी की आशंका है।
सूत्रों के अनुसार, यूपी पावर कारपोरेशन पिछले दो सालों के दौरान तीन हजार से ज्यादा ठेके उठाए गए हैं जिसमें करीब 450 ठेकों में है गड़बड़ी की आशंका है।
जिसमे यूपी के बिजली विभाग को अरबों रूपये की चोट पहुचायी गयी है।
पावर कॉरपोरेशन को अंदेशा है कि पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर गलत तरीके से चहेती कंपनियों को टेंडर दिए गए।
मनचाही कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए कई बार ई-टेंडर कैंसल भी किए गए।
ऐसे मामले सामने आने के बाद, प्रमुख सचिव (ऊर्जा) आलोक कुमार के निर्देश पर दो साल में किए गए सभी टेंडर्स का स्पेशल ऑडिट करवाने का निर्णय लिया है।
प्रमुख सचिव (ऊर्जा) आलोक कुमार के निर्देश पर इस समय कॉरपोरेशन गोंडा, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती जिलों में पिछले 2 साल के दौरान हुए टेंडर का स्पेशल
ऑडिट करवा रहा है।
इसके अलावा, पिछले दो साल में बिजली कंपनियों का ऑपरेशंस ऐंड मेंटेनेंस का खर्च बढ़कर करीब दोगुना हो गया है।
दो साल पहले जहां बिजली कंपनियों का ओऐंडएम खर्च 4500 से 5000 करोड़ रुपये के बीच था, वहीं अब यह 9,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है।
इससे भी टेंडर गलत ढंग से दिए जाने की आशंका है।
पावर कॉरपोरेशन दो साल में हुए सभी ठेकों की जांच करवाएगा।
कॉरपोरेशन ने सभी बिजली कंपनियों से ठेकों से जुड़े दस्तावेज मंगवा लिए हैं। अब इनका स्पेशल ऑडिट करवाया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक अगर ऑडिट में टेंडर्स में गड़बड़ी मिलती है तो विजिलेंस जांच करवाई जाएगी।
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