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पुलवामा में मुठभेड़,हिज्बुल कमांडर ढेर,जवान शहीद

श्रीनगर , जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में बुधवार तड़के घेराबंदी एवं तलाश अभियान के दौरान हुई भीषण मुठभेड़ में आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहीद्दीन का एक शीर्ष कमांडर मारा गया तथा एक सैनिक शहीद हो गया और एक अन्य जवान घायल हो गया।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता राजेश कालिया ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना के आधार पर राष्ट्रीय राइफल्स, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह ने मंगलवार देर शाम पुलवामा के कमराजीपोरा में संयुक्त घेराबंदी और तलाश अभियान शुरू किया।

उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने गांव से आवागमन के सभी मार्गों को बंद करने के बाद लक्षित इलाके की ओर बढ़ना शुरू किया, तभी वहां छिपे हुए आतंकवादियों ने जवानों पर स्वचालित हथियारों से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी जिसकी चपेट में आकर एक सैनिक घायल हो गया। घायल सैनिक को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गयी।

सुरक्षा बलों ने रात में पूरे इलाके को घेर लिया था और आतंकवादियों के भाग निकलने के सभी रास्तों को बंद कर दिया था और आस पास के इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया। आज सुबह दिन निकलते ही सुरक्षा बलों ने दोबारा अभियान शुरू किया और इस कार्रवाई में एक आतंकवादी मारा गया। इस आतंकवादी की पहचान हिज्बुल कमांडर आजाद लल्हारी के तौर पर हुई है जो संगठन का शीर्ष कमांडर था।

पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया कि हिज्बुल कमांडर आजाद लल्हारी का मारा जाना सुरक्षा बलों की एक बड़ी सफलता है जो दक्षिण कश्मीर में कई आतंकवादी घटनाओं में शामिल था। वह पुलवामा के लल्हारा काकपोरा का निवासी था।

      मारे गये आतंकवादी की पहचान बाद में हिज्बुल के शीर्ष कमांडर के तौर पर की गयी। उसका शव बरामद कर लिया गया है। उसके पास से एक एके राइफल, ग्रेनेड का पाउच और अन्य खतरनाक सामान भी बरामद किये गया हैं।

कर्नल कालिया ने कहा कि मुठभेड़ के दौरान एक अन्य जवान घायल हो गया। उसे 92 बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

श्री सिंह ने बताया कि लल्हारी गत 22 मई को प्रीचु पुलवामा में नाका पार्टी पर की गयी गोलीबारी में शामिल था जिसमें पुलिस हेड कांस्टेबल अनूप सिंह (22) शहीद हो गये थे।

उन्होंने बताया कि हिज्बुल कमांडर के खिलाफ आतंकवाद संबंधित हत्याओं के छह मामले दर्ज थे। उन्होंने बताया कि इससे पहले आतंकवादियों के सहयोग करने को लेकर जन सुरक्षा कानून के तहत लल्हारी को हिरासत में लिया गया था उस पर दो मामलों में अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल किये जा चुके थे।