झांसी, उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में बेतवा नदी पर बने एरच घाट पुल का क्षतिग्रस्त होने के बाद 45 दिनों तक यातायात के लिए बुधवार को बंद कर दिया गया।
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता बी एल सिंह ने बताया कि पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण यह यातायात के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है। ऐसे में लोकनिर्माण विभाग के साथ साथ सेतु निगम के अधिकारियों के निरीक्षण के बाद इस पर मरम्मत का काम किया जाना है । मरम्मत का काम सुचारू रूप से चलने के लिए पुल पर यातायात 45 दिनों तक बंद रहेगा।
इस बीच यातायात वैकल्पिक मार्ग हमीरपुर से राठ और चिरगांव की ओर संचालित होगा साथ ही पुंछ से डायवर्ट होने वाला मार्ग चिरगांव से गुरसरांय की ओर तथा गुरसरांय से डायवर्ट होने वाला यातायात चिरगांव होते हुए लखनऊ -शिवपुरी राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर जायेगा। दूसरी ओर स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल की मरम्मत का काम काफी समय से नहीं किया गया और अब टूटने के बाद पुल को बंद कर दिया गया है जिससे उन्हें आवागमन में काफी मुश्किल का सामना करना पडेगा। अब 45 दिनों तक वैकल्पिक मागोंं से घूमकर जाने में समय तो ज्यादा लगेगा ही साथ ही काफी परेशानी भी झेलनी होगी। अगर पहले से पुल की जर्जर हालत पर प्रशासन की नजर पड़ जाती और मरम्मत कर दिया जाता तो पुल टूटने की स्थिति नहीं बनती और आम लोग भी इस परेशानी से बच जाते।
गौरतलब है कि कांग्रेस के शासनकाल में 24 साल पहले बने इस पुल को ओवरलोडिंग से काफी नुकसान पहुंचता है । एरच घाट और इसके आस पास के क्षेत्र से होने वाले अवैध खनन के कारण मोरंग और गिट्टी आदि से भरे डम्फर दिन रात पुल से गुजरते हैं। रखरखाव के अभाव और ओवरलाेडिंग के कारण पुल क्षतिग्रस्त हुआ और अब प्रशासन ने इसकी मरम्मत की सुध ली है। इस पुल का शिलांयास तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायणदत्त तिवारी ने किया था इसकी 19 अगस्त 1996 को तत्कालीन राज्यपाल रोमेश भंडारी ने इसका शुभारंभ किया था। राजा समथर की विशेष पहल पर इस पुल का निर्माण कराया गया था जिसके बाद पुंछ और एरच के बीच सीधा संपर्क हो गया था और लोगों को काफी घूमकर जाने में होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिली थी।