इटावा में चंबल की बाढ़ का रौद्ररूप, कई गांवो का संपर्क कटा
September 16, 2019
इटावा, उत्तर प्रदेश के इटावा जिले मे चंबल नदी की बाढ़ ने रौद्ररूप दिखने लगा और कई गांवो का संपर्क जिला मुख्यालय से पूरी तरह से कट गया है ।
इटावा के जिलाधिकारी जेण्बीण्सिंह ने बताया कि सुबह चंबल नदी का जलस्तर बढ़ कर 125.75 मीटर पहुंचा है । चंबल का जलस्तर प्रतिधंटे करीब तीन सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है । चंबल नदी के जलस्तर के लगातार बढने के बाद राजस्व विभाग के अधिकारियों को सजग कर दिया गया है । संबधित उपजिलाधिकारियो की अगुवाई के मे राजस्व विभाग की टीमे राहत कार्यो मे जुटी है ।
उन्होंने बताया कि चकरनगर क्षेत्र में बाढ़ प्रबंधन योजना के तहत 11 बाढ़ चौकियां स्थापित की गईं है । जलस्तर खतरे का निशान पार करने के बाद इन सभी चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है । तहसील कार्यालयए प्राथमिक विद्यालय इमलियाए प्राथमिक विद्यालय भरेहए प्राथमिक विद्यालय गढ़ाकास्दाए प्राथमिक विद्यालय कचहरीए प्राथमिक विद्यालय अनेठाए प्राथमिक विद्यालय बंसरीए प्राथमिक विद्यालय जूनियर हाईस्कूल सिंडौसए प्राथमिक विद्यालय विंडवाखुर्द व प्राथमिक विद्यालय मर्दानपुरा में बाढ़ चौकियां बनाईं गईं है। इन बाढ़ चौकियों से 32 गांवों को जोड़ा गया है ।
उन्होंने बताया कि चंबल नदी के जलस्तर में तीन दिन से लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। लेखपालों से कहा कि जिन गांव के रास्तों पर बाढ़ का पानी पहुंच रहा है। वहां के लोगों को बाहर निकालें और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं।
उन्होंने बताया कि इटावा तहसील मे एसडीएम सदर सिद्धार्थए सीओ जसवंतनगर उत्तम सिंह एवं तहसीलदार सदर एनण्राम ने बढ़पुरा क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर स्वास्थ विभाग व खाद्य आपूर्ति विभाग को गांवों का दौरा करने के निर्देश दिए है । अधिकारियों ने बाढ प्रभावित बसवाराए मढ़ैया पछायगांव व मढ़ैया बढ़पुरा गांवों का दौरा किया। बसवारा गांव का रास्ता बंद होने के कारण नाव की व्यवस्था की गई है ।
ऐसी संभावनां है कि अभी और ज्यादा पानी बढ़ सकता है। उन्होंने ग्रामीणों से कहा है कि वह खाद्य सामग्री का संग्रहण करके ऊंचे स्थानों पर रहे। इसके अलावा जंगली जीवों के आने का भी खतरे बना रहता है। ऐसे में रात के दौरान ग्रामीण विशेष रूप से सजगता बरतें ।
जिलाधिकारी ने बताया कि इटावा तहसील के मढैया पछायगांवएमढैया बढेपुराएबसवारा आदि गांव मे एक दर्जन से अधिक घरो मे पानी घुस गया है जिसको लेकर प्रशासिनक और राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची हुई है जो राहत एंव बचाव कार्यो के अलावा दवाइंया आदि बांटने मे जुटी हुई है ।
एक माह में दूसरी बार फिर से चंबल ने अपना रौद्र रूप दिखाया है। जिसके चलते चकरनगर और बढ़पुरा क्षेत्र के कई गांवों के रास्ते बंद हो गए हैं । चंबल का जलस्तर 128 मीटर को पार कर सकता है । चंबल नदी 23 वर्ष बाद दूसरी बार फिर से उफान पर है। इससे पहले वर्ष 1996 में चंबल का जलस्तर 128.35 मीटर पर पहुंच गया था जो खतरे के निशान से आठ मीटर से अधिक था ।
इससे पहले वर्ष 1971 में चंबल का जलस्तर 128.06 मीटर को पार कर गया था । पिछले वर्ष जलस्तर 118.12 मीटर था जो खतरे के निशान से लगभग डेढ़ मीटर रह गया था । गौरतलब है राजस्थान के कोटा बांध से छोड़े गये पानी के कारण पिछले चार दिन से चंबल का