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सुप्रीम व हाईकोर्ट मे वकालत के लिए निश्चित अवधि का अनुभव होगा अनिवार्य

नयी दिल्ली,  भारतीय विधिज्ञ परिषद ;बीसीआई उच्च न्यायालयों एवं उच्चतम न्यायालय में वकालत के लिए निश्चित अवधि के अनुभव को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है। बीसीआई ने एक बयान जारी करके इस बाबत जानकारी दी।

परिषद ने कहा कि उच्च न्यायालयों में प्रैक्टिस शुरू करने के लिए जिला अदालत में कम से कम दो साल और उच्चतम न्यायालय में प्रैक्टिस के लिए उच्च न्यायालयों में कम से कम दो साल के प्रैक्टिस का अनुभव अनिवार्य होगा।

बीसीआई ने बताया कि यह नियम मार्च 2020 से प्रभावी किये जाने की संभावना है। परिषद ने कहा है कि नये वकीलों को अनुभव प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए अदालतों में निश्चित अवधि की पेशी जरूरी होगी।

बीसीआई ने 10 वर्षों तक वकीलों के लिए निरंतर विधिक शिक्षा अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया है। सीएलई में वकीलों की भागीदारी अनिवार्य की गयी है। इस कार्यक्रम के तहत उच्च न्यायालय के मौजूदा एवं पूर्व न्यायाधीश तथा वरिष्ठ एवं अनुभवी वकील विभिन्न विषयों पर वकीलों को प्रशिक्षण भी देंगे। विधिज्ञ परिषदों की ओर से चलाये जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए फीस नहीं ली जायेगी।