दुनिया में पहली बार मृत महिला के गर्भाशय ने दिया स्वस्थ बच्ची को जन्म….

नई दिल्ली, मेडिकल हिस्ट्री में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक मां के शरीर में मृत डोनर का गर्भाशय ट्रांसप्लांट किया गया और उस मां ने उसी गर्भाशय में 9 महीने तक बच्चे को पाला और फिर एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. ये बड़ा कारनामा ब्राजील के डॉक्टरों ने  दिखाया है. इससे पहले भी मृत महिला के गर्भाशय ट्रांसप्लांट के जरिए ऐसा करने की कोशिश की गई थी, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिल पाई थी.

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एक अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक रिसर्च का नेतृत्व साओ पॉलो यूनिवर्सिटी की डॉक्टर डानी इजेनबर्ग ने बताया कि मृत महिला के गर्भाशय का ट्रांसप्लांट सितंबर, 2016 में किया गया था. जिस महिला के शरीर में यह गर्भाशय ट्रांसप्लांट कर लगाया गया था तब उसकी उम्र 32 वर्ष थी. यह महिला दुर्लभ सिंड्रोम की वजह से बिना गर्भाशय के पैदा हुई थी.

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उन्होंने कहा कि डोनर (मृत महिला) के गर्भाशय को महिला की वेन्स से जोड़ा गया और आर्टरीज, लिगामेंट्स और वजाइनल कनाल को लिंक किया गया. गर्भाशय दान देने वाली महिला की जब मौत हुई तब उसकी उम्र 45 वर्ष थी. उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी. उसके तीन बच्चे थे. चेक गणराज्य, तुर्की और अमेरिका में मृत डोनर का उपयोग करने के पिछले 10 प्रयास असफल रहे हैं. उन्होंने कहा कि महिला की जिंदगी में यह सबसे अहम चीज थी. अब वो हमारे पास आकर अपनी बच्ची को दिखाती और वह इससे खुश है.

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बच्ची का जन्म पिछले साल दिसंबर में हुआ था. डॉक्टरों के अनुसार गर्भाशय ट्रांसप्लांट के पांच महीने बाद ही महिला के सभी टेस्ट नॉर्मल आ रहे थे. उनका अल्ट्रासाउंड नॉर्मल था और उन्हें मेंस्ट्रूएशन भी समय पर हो रहा था. इसके बाद महिला के पहले से फ्रीज किए हुए एग्स को ट्रांसप्लांट के सात महीने बाद इंप्लांट किया गया और 10 दिन बाद उनकी प्रेगनेंसी कंफर्म हो गई.

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जीवित दाता (डोनर) से प्राप्त गर्भाशय के जरिए बच्चे का सफलतापूर्वक जन्म कराने की पहली घटना 2014 में स्वीडन में हुई थी. इसके बाद से 10 और बच्चों का इस तरह से जन्म कराया गया है. हालांकि, संभावित जीवित दाताओं की तुलना में प्रतिरोपण की चाह रखने वाली महिलाओं की संख्या अधिक है. इसलिए चिकित्सक यह पता लगाना चाहते थे कि क्या किसी मृत महिला के गर्भाशय का इस्तेमाल करके इस प्रक्रिया को अंजाम दिया जा सकता है.

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