लखनऊ, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में जलस्तर में कमी आने के कारण और खतरनाक हुई गंडक नदी ने रविवार को नरवाजोत-पिपराघाट बांध पर दहारी टोला के सामने कटान शुरू कर दिया। इससे अगल-बगल के गांवों में अफरातफरी मच गई। जानकारी होने पर बाढ़ खण्ड के अभियंताओं ने बचाव कार्य को तेज कर दिया है।
गंडक नदी का जलस्तर बढ़ता तो बांध पानी के दबाव से टूटते हैं और जलस्तर घटता है तो बांध पर कटान शुरू हो जाता है। अब तीन दिन से नदी नरवाजोत-पिपराघाट बांध पर कटान कर रही है। शनिवार को दहारी टोला के पास करीब 300 मीटर तक लंबाई में कटान होने लगा। कटान की गति तेज हो जाने से दहारी टोला के लोगों में अफरा तफरी मच गई। लग रहा था कि नदी जल्दी ही बांध को तोड़ देगी।
लोगों की सूचना पर बाढ़ खंड के जेई श्रीराम यादव व सुनील यादव मौके पर पहुंचे और बोल्डर व लोहे की जाली मंगाकर बचाव कार्य शुरू कराया गया। कुछ लोगों ने कटान की सूचना पूर्व सांसद बालेश्वर यादव को देकर अभियंताओं पर लापरवाही का आरोप लगाया। पूर्व सांसद भी बंधे पर पहुंचे अभियंताओं से बचाव कार्य की जानकारी ली। पूर्व सांसद ने कहा कि यहां बांध कटा तो करीब 20 हजार की आबादी सीधे तौर पर प्रभावित होगी।
गंडक नदी की बाढ़ ने खड्डा क्षेत्र के लोगों का जीवन संकट में डाल दिया है। पानी बढ़ा तो घर में रखा अनाज भीगकर खराब हुआ और अब जब पानी घट रहा है तो कटान व कीचड़ ने बोई गई फसल को भी बर्बाद करना शुरू कर दिया है।
नदी के किनारे बसे खड्डा क्षेत्र के गांव मरचहवा व बसंतपुर, शिवपुर, हरिहरपुर, नरायनपुर, बकुलादह, शाहपुर विन्ध्याचलपुर, सालिकपुर महदेवा, बालगोविन्द छपरा आदि बाढ़ के पानी से सबसे पहले प्रभावित होते हैं। करीब दो सप्ताह से ये गाव बाढ़ से घिरे हैं। घरों में रखा अनाज भीग चुका है और लोग अभी भी भोजन के संकट से जूझ रहे हैं।
इसके अलावा मदनपुर, भेड़ीहारी, भैंसहा, हनुमानगंज, लक्ष्मीपुर पड़रहवा, माधी ,भगवानपुर, नौतार जंगल, बोधीछपरा, पनियहवा आदि गांव के किसान नदी के दियारा में खेती करते हैं। इनकी खेती पिपरासी, दुदही घाट, भैंसहा एहतमाली, विशेशरपुर, नरकेलिया आदि गैर आबाद मौजा में है। किसानों का कहना है कि बाढ़ के चलते खेत में बोई गई फसल भी कीचड़ से दब गई है। किनारों पर नदी कटान भी कर रही है। प्रशासन भी इनकी सुधि नहीं ले रहा है।
एसडीएम ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ शनिवार को निर्माणाधीन छितौनी-तमकुही रेल लाइन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने टूटे रेल लाइन बांध की शीघ्र मरम्मत का आश्वासन दिया।
कुछ दिन पहले गंडक नदी के तेज बहाव के कारण निर्माणाधीन छितौनी-तमकुही रेल लाइन का बांध टूट गया था। इसके चलते छितौनी खास, नरकहवा, पनियहवा, रामपुर जंगल आदि गांवों में पानी घुस गया था। इसके चलते गांव के लोग घर छोड़कर बंधे पर शरण लिए थे। शनिवार की दोपहर बाद पहुंचे एसडीएम कोमल यादव ने सिंचाई विभाग और रेलवे को पत्र भेजकर बांध के जल्दी मरम्मत का आश्वासन दिया।