नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के समय दुनियाभर में राजनीतिक उथल पुथल पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि लोकतंत्र, कानून का राज, स्वतंत्रता, परस्पर सम्मान, अंतरराष्ट्रीय संस्थानों का सम्मान और पारदर्शिता आदि वैश्विक कल्याण के मूल्यों को आज अलग अलग प्रकार से चुनौती दी जा रही है जिसका सामना करने के लिए समान मूल्यों, साझा हितों, समान भूगोल एवं समान उद्देश्यों वाली शक्तियों को मिलकर काम करना होगा।
श्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन के साथ पहली वर्चुअल द्विपक्षीय शिखर बैठक में उक्त विचार व्यक्त किये। श्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत भारत की ओर से ऑस्ट्रेलिया में कोविड-19 से प्रभावित सभी लोगों और परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट करने के साथ की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध विस्तृत होने के साथ-साथ गहरे भी हैं। और यह गहराई आती है हमारे समान मूल्यों, साझा हितों, समान भूगोल एवं समान उद्देश्यों से। पिछले कुछ वर्षों में हमारे सहयोग और तालमेल में अच्छी गति आई हैं। उन्होंने कहा, “यह सौभाग्य की बात है कि हमारे संबंधों की बागडोर का एक छोर आप जैसे सशक्त और विज़नरी नेता के हाथ में हैं। मेरा मानना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को और सशक्त करने के लिए यह उपयुक्त समय है, उपयुक्त मौक़ा है। अपनी दोस्ती को और मज़बूत बनाने के लिए हमारे पास असीम संभावनाएँ हैं।”
उन्होंने कहा कि ये संभावनाएँ अपने साथ चुनौतियां भी लाती हैं। कि किस तरह इस क्षमता को वास्तविकता में परिवर्तित किया जाए ताकि दोनों देशों के नागरिकों, कारोबार जगत, शिक्षाजगत, अनुसंधानकर्ताओं इत्यादि के बीच संपर्क और मज़बूत बने। कैसे हमारे संबंध अपने क्षेत्र के लिए और विश्व के लिए एक स्थिरता का कारक बनें, कैसे हम मिल कर वैश्विक कल्याण के लिए कार्य करें, इन सभी पहलुओं पर विचार की आवश्यकता है।