नई दिल्ली, मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान में धूल भरी आंधी-तूफान आने का अलर्ट जारी कर दिए. एक आंकड़े के अनुसार केवल भारत में बीते दो सालों में 12 से ज्यादा बड़ी प्राकृतिक आपदाएं आ चुकी हैं. क्या ये प्राकृतिक आपदाएं, नेचुरल हैं? या प्रकृति कुछ और इशारा कर रही है.
इन घटनाओं का पृथ्वी के सर्वनाश से सीधा कोई ताल्लुक नहीं है. लेकिन कई शोधकर्ता वैज्ञानिकों और खगोलशास्त्रियों ने पृथ्वी के सर्वनाश को लेकर सात प्रमुख कारण बताए हैं. इनके बारे में करीब से जानने पर ग्लोबल वॉर्मिंग, ग्लेशियरों के पिघलने और समुद्र के लगातार बढ़ते जल स्तर को एक इशारे के तौर पर देखा जा रहा है. पूरी दुनिया को इन चुनौतियों से निपटने के लिए यूरेनियम हथियारों समेत कई उपकरणों को बैन किए जाने के अभियान चलाए जा रहे हैं जो प्रकृति में गर्मी को और बढ़ाते हैं. आइए जानते हैं पृथ्वी पर जीवन किन सात कारणों से खत्म हो सकता है.
पृथ्वी की उम्र बताई जाती है. इस बात के वैज्ञानिक प्रमाण हैं कि पृथ्वी उम्र करीब 3.5 अरब हो चुकी है. ऐसा जीवाश्मों के अध्ययन के बाद कहा गया है. अपनी करीब साढ़े तीन अरब साल में पृथ्वी कई तरह की आपदाओं का शिकार हुई है. इसमें सबसे ज्यादा ऐसी रेडिएशनों का योगदान हैं, जिनमें सबकुछ जलाकर राख कर देने की क्षमता है.
ज्वामुखियों का विस्फोट है. एक रिसर्च के अनुसार जिस गति से दुनियाभर में ज्वालामुखियों का विस्फोट हो रहा है उस गति से 25 करोड़ साल में दुनिया से जीवन खत्म हो सकता है. जानकारी के अनुसार 25 करोड़ साल बाद ज्वालामुखियों के चलते करीब 85 फीसदी जीवों की समाप्ति हो जाएगी. जबकि 95 फीसदी समुद्री जीवों पर भी इसका असर पड़ेगा.
गामा किरणों के विस्फोट बताया जाता है. शोध के अनुसार ऐसा अभी नहीं हुआ है. लेकिन कई बार ऐसी आशंकाएं जताई जाती हैं कि पांच लाख साल में एक बार ऐसी स्थिति बनती है जब ब्रह्मांड के दूसरे ग्रहों से पृथ्वी का संपर्क होता है. ऐसे में बहुत मुमकिन होता है कि गामा किरणों का विस्फोट हो जाए. इसके बारे में यूनिवर्सिटी ऑफ बार्सिलोना के राउल जेमेनज, इलिनोसिस के बाटविया के फर्मीलैब के जेम्स एनिस भी तस्दीक करते हैं.
पृथ्वी के घूमने को लेकर ऐसी बातें कही गई हैं. ऐसी बार ऐसी आशंकाएं जताई गईं कि पृथ्वी घूर्णन कक्षा में कुछ परेशानी आ गई है. हालांकि इसका कोई पुख्ता सबूत अभी मिल पाया है. लेकिन ऐसा हुआ तब क्या होगा इसपर कई रिसर्च प्रकाशित हो चुकी हैं. जैसे पृथ्वी घूमना बंद कर दे तो भूमध्य रेखा पर मौजूद सारी चीजें पूरब दिशा में उड़ने लगेंगी. इसकी स्पीड 1670 किमी/घंटा होगी. क्योंकि वायुमंडल में दूसरी चीजें अपनी रफ्तार से घूमती रहेगी. इतना ही नहीं सूरज एक ही जगह पर स्थिर रहने से 24 घंटे की जगह 365 दिन और पूरे साल कुछ जगहों पर रात ही रहेगी.
सबसे अहम कारण सूर्य में गर्मी लगातार बढ़ृने को बतया है. हालांकि पृथ्वी पर सूर्य की गर्मी कारण जीवन समाप्त होने में एक से साढ़े सात अरब साल समय लगने की बात कही जाती है. बताया जाता है ये तय है. हालांकि इसकी समयसीमा काफी लंबी है.
पृथ्वी से छोटे ग्रहों के टकराने की स्थिति को बताते हैं. ऐसा कहते हैं कि पहले ऐसे कई अवसर आए हैं जब पृथ्वी से दूसरे ग्रहों की टकराने की स्थिति बनी है. लेकिन ज्यादातर मौकों पर कृत्रिम तरीकों से इंसानों ने ऐसे ग्रहों को पृथ्वी से टकराने से बचाया है. लेकिन तीन से चार अरब साल में इतने सारे छोटे ग्रह की स्थिति पृथ्वी के अलग-अलग हिस्सों में टकराएंगे कि पृथ्वी पर जीवन का सर्वनाश हो जाएगा.
वांडिरंग स्टार्स. जर्मनी के मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी के कोरयान, न्यूयॉर्क की रॉचेस्टर यूनिवर्सिटी के एरिक मामेजक भी इनके बारे में बताते हैं कि एचआईपी 85605 जैसे कुछ ग्रह हैं जो भारत के बेहद करीब हैं और ये सूर्य और पृथ्वी की कक्षा में आ सकता है. इसी तरह जीएल 710 व दूसरे ऐसे ग्रह भी हैं जो आगामी एल लाख साल में पृथ्वी पर जीवन को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं.