नई दिल्ली, कोरोना संक्रमण से जूझ रहे पूरे विश्व और खासकर भारत के लिये ये बड़ी खुशखबरी है कि कोरोना वायरस की दवा करीब दो हफ्तों के अंदर बाजार में उपलब्ध हो जाएगी।
पतंजलि योगपीठ के आयुर्वेदाचार्य आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया है कि आयुर्वेद दवाओं के एक खास मिश्रण से कोरोना संक्रमण का इलाज पूरी तरह से संभव है और कोरोना वायरस की दवा करीब दो हफ्तों के अंदर बाजार में उपलब्ध हो जाएगी।
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार बढ़ते प्रभाव के बाद योगगुरु बाबा रामदेव की सलाह और निर्देश पर जनवरी 2020 से पतंजलि अनुसंधान संस्थान में इस पर शोध शुरू किया गया। शोध में कुल 14 वैज्ञानिकों की टीम लगी, जिसमें पांच महिलाएं भी शामिल है।
उन्होने बताया कि टीम द्वारा पांच महीनों तक कड़ी मेहनत के शोध के बाद ये बात सामने आई कि अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, श्वसारि रस और अणु तेल के निश्चित अनुपात में सेवन करने से कोरोना संक्रमण व्यक्ति को न सिर्फ पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है, बल्कि इसका नियमित इस्तेमाल संक्रमित नहीं होने देता है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाने में दवाओं का ये मिश्रण बतौर वैक्सीन (प्रोफाइल एक्टिव) भी पुख्ता काम करता है।
आचार्य बालकृष्ण ने आगे बताया कि चूहों पर कई दौर के इसके सफल परीक्षण किए गए, जिसके बाद ही ये सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि इसके लिए जरूरी क्लीनिकल केस स्टडी भी पूरी हो चुकी है, जबकि क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल अपने अंतिम दौर में है। जल्द ही इसका डाटा मिलने वाला है, जिसके मिलते ही फाइनल एनालिसिस कर करीब दो हफ्तों के अंदर दवा बाजार में उतार दी जाएगी।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा, ”जिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ये दवाइयां दी गईं उनमें 70 से 80% मरीज महज 5 से 6 दिन में ठीक हो गए। सभी मरीज दवा लेने के अधिकतम 14 दिन में ठीक हो गए। ऐसे सभी मरीज बाद में कोरोना निगेटिव पाए गए। यही नहीं गंभीर मरीजों को भी यह दवा दी गई और वह भी ठीक हो गए। मरीजों की कफ, बुखार, सांस लेने में दिक्कत जैसी गंभीर समस्या भी दूर हो गई।”
आचार्य बालकृष्ण ने कहा, ”कोरोना का समाधान आयुर्वेद से 100% संभव है। आने वाले 3-4 दिन में हम इसका पूरा विवरण दुनिया के सामने सबूतों के साथ पेश करेंगे।”