नई दिल्ली, गुजरात सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत महंगाई भत्ते (डीए) को मौजूदा नौ प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया है. डीए में वृद्धि से सरकारी खजाने पर सालाना 1071 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले, केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए डीए और महंगाई राहत (डीआर) में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की थी. इस कदम का राज्य सरकारों द्वारा धीरे-धीरे पालन किया जाना था. इससे पहले, मध्य प्रदेश सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत सरकारी कर्मचारियों के लिए डीए और डीआर में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की थी.
उत्तर प्रदेश सरकार ने सातवें वेतन आयोग के अनुसार केंद्र सरकार के कर्मचारियों को उनके हिस्से का बोनस मिलने के बाद डीए में बढ़ोतरी की घोषणा की. बिहार ने अपने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए डीए और डीआर बढ़ोतरी की घोषणा की. राज्य में नीतीश कुमार सरकार ने महंगाई भत्ते और महंगाई राहत को 3 प्रतिशत बढ़ाकर इसे 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया. यह कदम 1 जनवरी 2019 से प्रभावी हुआ और राज्य के लगभग 4 लाख सरकारी कर्मचारियों और छह लाख पेंशनभोगियों को फायदा हुआ. इससे राज्य के खजाने पर 1,100.94 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक बोझ पड़ेगा.
एक अन्य राज्य जिसने कुछ महीने पहले इसी तरह की घोषणा की थी, वह है उत्तराखंड. त्रिवेंद्र सिंह रावत-सरकार ने राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए 3 प्रतिशत डीए और डीआर बढ़ोतरी की सहमति दी. सातवें वेतन आयोग के तहत 9 प्रतिशत से 12 प्रतिशत की वृद्धि 1 जनवरी 2019 से पूर्वव्यापी प्रभाव में आ गई. इस कदम से लगभग 2.5 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ हुआ. सातवें वेतन आयोग के तहत डीए और डीआर में 3 प्रतिशत की वृद्धि के संबंध में वेतन वृद्धि की घोषणा जम्मू और कश्मीर में कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए की गई थी.
यह निर्णय जम्मू में राज्य प्रशासनिक परिषद (सैक) की बैठक में लिया गया, जो राज्यपाल सत्य पाल मलिक की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था. सातवें वेतन आयोग के तहत ओडिशा के कर्मचारियों के लिए एक वेतन वृद्धि की भी घोषणा की गई थी. राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की. 1 जनवरी 2019 से कम से कम 7 लाख कर्मचारियों को 12 प्रतिशत डीए और डीआर लाभ प्राप्त होगा. इस कदम से सरकारी खजाने पर 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.