नयी दिल्ली , केन्द्र सरकार ने पूर्णबंदी के मद्देनजर विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों के लिए चलायी जा रही ट्रेनों की आवाजाही से संबंधित मानक परिचालन प्रोटोकाॅल में संशोधन किया है जिसमें इन ट्रेनों को चलाने के लिए राज्य से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी।
गृह मंत्रालय ने पूर्णबंदी का तीसरा चरण पूरा होने के बाद नये दिशा निर्देश जारी किये थे। इसके बाद श्रमिक ट्रेनों के परिचालन प्रोटोकॉल में भी संशोधन किया गया। नये प्रोटोकॉल में रेल मंत्रालय श्रमिक ट्रेनों को गृह मंत्रालय के साथ परामर्श के बाद चलायेगा। इसके लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को नोडल अधिकारी नामित करने होंगे और फंसे हुए व्यक्तियों की अगवानी और उन्हें भेजने के लिए सभी जरूरी व्यवस्था करनी होगी।
इससे पहले के नियमों में जिन राज्यों में श्रमिकों को भेजा जाना था उनसे ट्रेन भेजने की अनुमति लेना जरूरी था।
रेल मंत्रालय राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की जरूरत के आधार पर ट्रेनों के समय , उनके रूकने की जगह और गंतव्य के बारे में निर्णय लेगा। मंत्रालय फंसे हुए श्रमिकों से संबंधित सभी जानकारी भी राज्यों को मुहैया करायेगा। रेल मंत्रालय इसके साथ ही ट्रेन की समय सारणी का प्रचार करेगा और आवागमन के प्रोटोकॉल तथा ट्रेन में उपलब्ध सेवाओं की भी जानकारी देगा।
रेल मंत्रालय श्रमिकों को भेजने वाले राज्य के साथ मिलकर सभी यात्रियों की मेडिकल जांच सुनिश्चित करेगा और केवल उन्हीं यात्रियों को जाने की अनुमति दी जायेगी जिनमें रोग का कोई लक्षण नहीं है। ट्रेन में चढने और यात्रा के दौरान सामाजिक दूरी के नियम का सख्ती से पालन करना होगा।