नयी दिल्ली , सरकार ने विमानन क्षेत्र में गलाकाट प्रतिस्पर्द्धा रोकने के लिए इकोनॉमी श्रेणी की तरह प्रीमियम इकोनॉमी श्रेणी का भी न्यूनतम हवाई किराया तय कर दिया है।
पूर्णबंदी के दौरान दो महीने बंद रहेने के बाद गत 25 मई को जब घरेलू मार्गों पर नियमित यात्री उड़ानें दुबारा शुरू हुईं तो नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उड़ान समय के हिसाब से सभी मार्गों को सात वर्गों में बाँटकर हर वर्ग की इकोनॉमी श्रेणी की सीटों का न्यूनतम और अधिकतम किराया तय कर दिया। किराये की सीमा से बिजनेस श्रेणी को बाहर रखा गया था। कुछ एयरलाइंस में प्रीमियम इकोनॉमी के नाम से बीच की श्रेणी होने के कारण अब उस आदेश में संशोधन किया गया है।
मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी शुद्धि पत्र के अनुसार, इकोनॉमी श्रेणी के लिए तय न्यूनतम किराये की सीमा प्रीमियम इकोनॉमी श्रेणी पर भी लागू होगी। हालाँकि अधिकतम किराये की सीमा प्रीमियम इकोनॉमी श्रेणी पर लागू नहीं होगी।
चालीस मिनट से कम की उड़ान के लिए न्यूनतम किराया दो हजार रुपये और अधिकतम किराया छह हजार रुपये है। चालीस मिनट से एक घंटे की उड़ान के लिए किराया 2,500 रुपये से 7,500 रुपये, एक से डेढ़ घंटे की उड़ान के लिए किराया तीन हजार से नौ हजार रुपये, डेढ़ से दो घंटे की उड़ान के लिए साढ़े तीन हजार से 10 हजार रुपये, दो से ढाई घंटे की उड़ान के लिए किराया 4,500 रुपये से 13 हजार रुपये, ढाई से तीन घंटे की उड़ान के लिए 5,500 रुपये से 15,700 रुपये और तीन से साढ़े तीन घंटे की उड़ान के लिए किराया 6,500 रुपये से 18,600 रुपये तय किया गया है।