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सोनिया गांधी का महान फैसला, हर मजदूर के रेल टिकट का पैसा देगी कांग्रेस

नयी दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लॉकडाउन के कारण फंसे मजदूरों के लिए घर लौटने की व्यवस्था नहीं करने पर सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि राष्ट्र निर्माण के इन दूतों के साथ अन्याय हुआ है इसलिए कांग्रेस अपने घरों को लौट रहे मजदूरों का रेल किराया वहन करेगी।

श्रीमती गांधी ने सोमवार को जारी एक बयान में इन मजदूरों का उनके घर तक जाने का रेल किराया देने का ऐलान करते हुए कहा कि सरकार मुश्किल में फंसे देश के लोगों के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वाह करने में असफल हुई है जिसके कारण आज भी लाखों श्रमिक तथा कामगार पूरे देश के अलग अलग कोनों से असहाय होकर घर वापसी का इंतजार कर रहे हैं। वे अपने घर जाना चाहते हैं लेकिन उनके पास न साधन है और न पैसा।

उन्होंने कहा कि दुख की बात यह है कि रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में रेल यात्रा का किराया वसूल रहे हैं। यह आश्चर्य की बात है जो रेल रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना फंड में 151 करोड़ रुपये का सहयोग दे सकता है वह तरक्की के इन ध्वजवाहकों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा देने की व्यवस्था क्यों नहीं कर रहा है।

श्रीमती गांधी ने श्रमिक तथा कामगार वर्ग को राष्ट्र निर्माण का दूत और देश की रीढ़ की हड्डी बताते हुए कहा है कि उनकी मेहनत और कुर्बानी पर ही राष्ट्र के विकास की नींव खड़ी है लेकिन सरकार ने उनकी परवाह नहीं की है। सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाऊन करने के कारण लाखों श्रमिक तथा कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गए।

उन्होंने कहा, “1947 के बंटवारे के बाद देश ने पहली बार यह दिल दहलाने वाला मंजर देखा कि हजारों श्रमिक तथा कामगार सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल घर वापसी के लिए मजबूर हो गए। न राशन, न पैसा, न दवाई, न साधन, केवल अपने परिवार के पास वापस गांव पहुंचने की लगन। उनकी व्यथा सोचकर ही हर मन कांपा और फिर उनके दृढ़ निश्चय और संकल्प को हर भारतीय ने सराहा भी।”

उन्होंने कहा “कांग्रेस ने लॉकडाउन के कारण फंसे हुए मेहनतकश श्रमिकों तथा कामगारों की निशुल्क रेलयात्रा की मांग को बार बार उठाया है। दुर्भाग्य से न सरकार ने एक सुनी और न ही रेल मंत्रालय ने, इसलिए कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक तथा कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी और इसके वास्ते जरूरी कदम उठाएगी।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने मेहनतकशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार जब विदेशों में फंसे भारतीयों को हवाई जहाजों से निशुल्क स्वदेश ला सकती है, गुजरात के केवल एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपए ट्रांसपोर्ट तथा भोजन इत्यादि पर खर्च कर सकती है तो देश के कामगारोें काे रेलों में निशुल्क लाने की व्यवस्था क्यों नहीं कर सकती है।