हनुमानजी को दलित बताना, मुख्यमंत्री योगी को पड़ा भारी, मिली कानूनी नोटिस

जयपुर, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमानजी को दलित कहकर एक नई बहस छेड़ दी। लेकिन एेसा कहना उन्हे भारी पड़ गया है। अनको कानूनी नोटिस मिल गयी है।

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राजस्थान के विधान सभा चुनावों में जातीय कार्ड खेलते हुये, अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के मालाखेड़ा कस्बे में मंगलवार शाम आयोजित सभा में सीएम योगी ने कहा कि बजरंगबली ऐसे लोक देवता हैं जो स्वयं वनवासी हैं, गिरवासी हैं, दलित हैं वंचित है। अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में हनुमान को दलित के रूप में उल्लेखित करने का सीएम योगी का राजनीतिक कारण भी नजर आ रहा है। यह क्षेत्र अनुसूचित जाति बाहुल्य है। ग्रामीणों में हनुमान के प्रति अपार श्रद्धा है।

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सीएम योगी ने बताई बजरंगबली की जाति….

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हनुमानजी को दलित एवं वंचित बताने पर सर्व ब्राह्मण महासभा ने नोटिस भेजकर चेतावनी दी है कि इस मामले में माफी नहीं मांगी तो कानूनी कार्यवाही की जायेगी। सर्व ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सुरेश मिश्रा ने योगी आदित्यनाथ को कानूनी नोटिस भेजकर कहा कि हनुमानजी महाराज को वंचित और लोक देवता चुनावी सभा में बताया गया है, जबकि हनुमानजी पूरे विश्व में पूजे जाते है न कि केवल किसी विशेष क्षेत्र में। हनुमानजी को लोक देवता एवं वंचित बताना उनका अपमान है।

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दो दिन पहले पीएम मोदी ने भी अपने भाषण मे जिक्र किया था कि हनुमान को सनातन परम्परा में रामभक्त, पवनपुत्र, केसरीनंदन के रूप में ख्याति प्राप्त है। लेकिन सीएम योगी अपने भाषण मे बोले कि बजरंगबली हमारी भारतीय परंपरा मेंं एक ऐसे लोकदेवता हैं जो स्वयं वनवासी हैं, गिरवासी हैं, दलित हैं वंचित हैं। सबको लेकर के पूरे भारतीय समुदाय को उत्तर से दक्षिण तक, पूर्व से पश्चिम तक सबको जोडऩे का कार्य बजरंगबली करते हैं। इसलिए बजरंगबली का संकल्प होना चाहिए।

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हाल ह के उपचुनावों में भाजपा यहां करीब 27 हजार से अधिक वोटों से पिछड़ गई थी। इसलिये मौजूदा विधायक का टिकट काटकर यहां संघ के स्वयंसेवक को नए चेहरे के रूप में उतारा गया है। जबकि कांग्रेस से यहां जिलाध्यक्ष खुद लड़ रहे हैं। राजस्थान के विधान सभा चुनावों में जाति और गोत्र की राजनीति अब कहां तक जाती है ये देखना है।

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