सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन न करने वालों के लिये हाईकोर्ट ने दी ये सलाह?

प्रयागराज, सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन न करने वालों के लिये हाईकोर्ट ने विशेष सलाह दी है?

हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रदेश की जेलों में पहले से भारी भीड़ है। सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन न करने पर जेल भेजने से कोरोना महामारी फैलने को बढावा ही मिलेगा।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन न करने वालो को जेल में बंद करने बजाय कोविड 19 की गाइडलाइन के प्रति जागरूक कर उसके पालन की प्रेरणा जगाने की सलाह दी है।

न्यायालय ने कहा है कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह कोरोना वायरस से निपटने के लिए केंद्र सरकार की गाइड लाइन का पालन करे। सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन न करने पर दर्ज एफआईआर से अपराध बनता है लेकिन याचियो को एक मौका दिया जाय कि वे एसएसपी आगरा के समक्ष कोविड 19 की गाइडलाइन का पालन करने का आश्वासन दाखिल करे और भविष्य में उल्लंघन नही करेगे तो एसएसपी विचार कर निर्णय ले।

अदालत ने सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन न करने पर दर्ज एफ आई आर की विवेचना में सहयोग करने की शर्त पर पुलिस रिपोर्ट दाखिल होने तक याचियो की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति एस डी सिंह की खंडपीठ ने ताजगंज आगरा के मुन्ना एवं छह अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया है।

याची का कहना है कि वे लाक डाउन के दौरान लोगो को माल्को गली में खाने का पैकेट बांट रहे थे। खाने का पैकेट लेने वालो की भीड़ आ गयी । शीघ्र ही वितरित कर उन्हे भेज दिया गया। इसी बीच पुलिस ने बिना तथ्य का पता लगाये याचियो के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करा दी है। लोगों के इकट्ठा होने पर कोई अप्रिय घटना के होने का आरोप नही है।

न्यायालय ने कहा है कि इसमे संदेह नही कि सामूहिक रूप से सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन कर कोविड-19 के प्रकोप से बचा जा सकता है। हर नागरिक को सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य करना चाहिए। लोगो मे बचाव के उपायों की जानकारी व पालन करने के प्रति जागरूकता पैदा करना जरूरी है।

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