प्रयागराज, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी बीएड डिग्री के आधार पर नियुक्त फीरोजाबाद के सहायक अध्यापको का वेतन भुगतान रोकने के एकल पीठ के फैसले पर रोक लगा दी है और अपीलार्थियो की सेवा जारी रखते हुए नियमित वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने धर्मेन्द्र कुमार कंसाना एवं पांच अन्य सहायक अध्यापको की विशेष अपील पर यह आदेश दिया है । न्यायालय ने इस अपील को लंबित अन्य अपीलों के साथ पेश करने का निर्देश दिया है। फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी से निकाले गये शिक्षकों ने एकल जज के आदेश के खिलाफ विशेष अपील दाखिल की है ।
गौरतलब है कि सत्र 2004-05 के आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों के बीएड की फर्जी डिग्री की जांच एस आईटी को सौंपी गई। जिसने अपनी रिपोर्ट में हजारो डिग्रियो को फर्जी बताते हुए कार्यवाई करने की सिफारिश की है । एस आईटी रिपोर्ट के आधार पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इन अध्यापकों की नियुक्ति रद्द कर दी थी, जिसे एकल जज के समक्ष चुनौती दी गयी थी । एकल जज ने बीएसए के आदेश को सही माना तथा बर्खास्तगी के खिलाफ शिक्षकों की याचिका खारिज कर दी थी।
एकल पीठ ने बीएड की फर्जी डिग्री से नियुक्त अध्यापकों पर कार्यवाही का निर्देश देते हुए वेतन भुगतान पर भी रोक लगा दी। जिसे अपील मे चुनौती दी गयी है।