प्रयागराज , इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिये राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस दिशा में अभी कई ठोस कदम उठाये जाने बाकी है।
अदालत ने पुलिस महानिदेशक को आदेश दिया है कि वह लोगों से अनिवार्य रूप से मास्क पहनने और सोशल डिस्टेन्सिंग नियमो का पालन सुनिश्चित कराये। कोर्ट ने कहा है कि मुहल्ला व ग्राम कमेटी,स्थानीय निकाय जनप्रतिनिधियों व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हर व्यक्ति से संपर्क करें और रजिस्टर में परिवार को दर्ज करे तथा मरीज का जिक्र कर जांच व इलाज की संस्तुति करे।
न्यायालय ने कहा है कि रजिस्टर लिखने के लिए नगर निगम ,ग्राम सभा बेरोजगार युवाओं को नियुक्त कर उनको रोजगार मुहैया कराये। प्रत्येक जिले में रैपिड टेस्टिंग किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। जांच मशीनो की संख्या बढायी जाय। किट से जांच के बाद मशीन से भी जांच की जाय । संदिग्ध को तुरंत इलाज के,लिए ले जाया जाय।
कोर्ट ने 18 जून को दिये गये सुझावों पर अमल करने सहित अनुपालन हलफनामा मांगा है।
जनहित याचिका की सुनवाई नौ जुलाई को होगी। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कोरेन्टाइन सेन्टर में व्याप्त गंदगी एवं अव्यवस्था को लेकर कायम जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता एस पी एस चौहान व गौरव कुमार गौर तथा अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता ए के गोयल एवं भारत सरकार के एडिशनल सालीसिटर जनरल शाशि प्रकाश सिंह ने पक्ष रखा।
अपर महाधिवक्ता गोयल ने कहा कि सरकार कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने का प्रयास कर रही है। न्यायालय द्वारा दिये गये सुझावों पर अमल करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है। सरकार ने हर आदमी तक पहुंचने के लिए मुहल्ला व ग्राम कमेटियों का गठन किया है। वे हर व्यक्ति से संपर्क करने में लगे हैं। संदेह होने पर तुरंत कोरेन्टाइन व इलाज की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश में प्रतिदिन 20 हजार लोगो की जांच की जा रही है। रैपिड टेस्टिंग किट से जांच के बाद आर टी पी सी आर मशीनो से जांच करायी जा रही है।
प्रयागराज स्थित एसआरएन अस्पताल मे एक हजार प्रतिदिन टेस्ट की क्षमता है। आसपास के जिलों के लोगो की भी जांच की जा रही है। केन्द्र सरकार की तरफ से बताया गया कि एक हफ्ते में अधिक जांच क्षमता वाली एक आर टी पी सी आर मशीन एस आर एन अस्पताल को मिल जायेगी। न्यायालय ने प्रयागराज के 71 वार्डो के लोगो की 15 दिन मे जांच पूरी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने जांच सैम्पल भेजने के तरीके को वीडियो कान्फ्रेन्सिंग से देखा और संतोष जाहिर किया। याची अधिवक्ताओं ने कोरेन्टाइन सेन्टर में भोजन ,सफाई, व काउन्सिलिंग की व्यवस्था की खामियों की तरफ कोर्ट का ध्यान खींचा। कोर्ट ने व्यवस्था दुरूस्त करने का आदेश दिया और कहा है कि चाय पान की दुकानो पर सोशल डिस्टेन्सिंग का ख्याल नहीं रखा जा रहा है।