नयी दिल्ली, भारत का विभाजन इतिहास की ‘‘नाकामी’’ है और अगर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के क्षेत्राधिकार में हस्तक्षेप नहीं किया होता तो विभाजन नहीं हुआ होता। यह विचार केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने व्यक्त किये।
उन्होने कहा कि भारत का विभाजन इतिहास की ‘‘नाकामी’’ है और अगर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के क्षेत्राधिकार में हस्तक्षेप नहीं किया होता तो विभाजन नहीं हुआ होता। प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि कहानी बदलने और ऐसे सवाल पूछने का समय आ गया है जो बीते 70 साल में कभी नहीं पूछे गये।
उन्होंने रघुवेंद्र तंवर द्वारा कश्मीर पर लिखित एक पुस्तक का विमोचन करने के बाद कहा, ‘‘भारतीय उपमहाद्वीप के साथ दुखद यह है कि कई फैसले लोगों को ध्यान में रखकर नहीं बल्कि कुछ खास लोगों के उत्प्रेरण पर किये गये।’’ उन्होंने कहा कि 1947 में भारत का विभाजन इतिहास की ‘‘नाकामी’’ है और इसके दुष्प्रभावों को अब भी महसूस किया जा रहा है। मंत्री ने कहा, ‘‘तथाकथित ‘द्विराष्ट्र सिद्वांत’ जिसके आधार पर पाकिस्तान बना, बांग्लादेश के बनने के साथ नाकाम हो गया।’’