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गृह मंत्री अमित शाह ने छूट के साथ अभियान जारी रखने के लिये दिये ये खास निर्देश

नयी दिल्ली,  केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों से कहा है कि वे काेरोना महामारी के कारण देश भर में लागू पूर्णबंदी के मद्देनजर जारी दिशा निर्देशों में सोमवार से कुछ गतिविधियों में छूट के प्रावधानों के बारे में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा करें जिससे देश भर में स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके।

गृह मंत्रालय के आज जारी वक्तव्य में कहा गया है कि श्री शाह ने शनिवार को बैठक में विभिन्न राज्यों में कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ अभियान जारी है इसलिए पूर्णबंदी के प्रतिबंधों के साथ समय-समय पर दिए गए दिशा-निर्देशों का निष्ठापूर्वक पालन किया जाना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि जो क्षेत्र हॉट-स्पॉट / क्लस्टर्स / कंटेन्मेंट ज़ोन में नहीं आते और जिनमें कुछ गतिविधियों की अनुमति दी जा रही है, वहां सावधानी बरतना और यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि छूट केवल वास्तविक परिस्थितियों का यथोचित आंकलन करके दी जाए।

गृह मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को बल देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दी गई है। इसलिए जिलाधिकारियों को उद्योग- समूहों के सहयोग से, राज्य के भीतर ही मज़दूरों को उनके कार्यस्थल पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था करनी चाहिए। सरकार का यह मानना है कि इससे न केवल आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी अपितु मज़दूरों को रोज़गार के अवसर भी मिलने लगेंगे।

श्री अग्रवाल ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों में कोविड से निपटने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं उनमें अब काफी तेजी आ गई है और इसी के तहत देश भर में 1755 कोविड समर्पित अस्पताल और 1389 कोविड देखभाल केन्द्र बनाए गए हैं जिनमें कम से एक लाख बिस्तरों की क्षमता है तथा किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सकता है।

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उन्होंने कर्नाटक के विक्टोरिया अस्पताल का उदाहरण दिया जो बहुत ही कम समय में कोरोना मरीजों के लिए तैयार कर दिया गया है और इसमें 500 से अधिक बिस्तर हैं जहां वेंटीलेटर और ऑक्सीजन की व्यवस्था है। यह बेंगलुरू मेडिकल कालेज से संबद्ध है। इसमें चिकित्सक एक कंट्रोल कक्ष में से ही कैमरों के जरिए मरीजों की हाल चाल जान लेते हैं और मरीजों तक दवाएं और अन्य सामग्री पहुंचाने के लिए रोबोटिक ट्राली का सहारा लिया जा रहा है। यहां के चिकित्सकों और स्टाफ को कोरोना के लिए विशेष जानकारी दी गई है और वे किसी भी तरह की आपात स्थिति के लिए तैयार है। बेंगलुरू पहले ही रेड जोन घोषित किया जा चुका है।

उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे बाहर जाने से पहले मुंह को मास्क अथवा कपड़े से ढके और सामाजिक दूरी का पालन करें खासकर उन क्षेत्रों में जहां अधिक आबादी है अथवा कोरोना संक्रमितों की संख्या अधिक देखी गई है। क्योंकि हम एक ऐसे संक्रामक रोग का सामना कर रहे हैं जहां जानकारी ही बचाव है सामाजिक दूरी सबसे बड़ी वैक्सीन है। इसके अलावा रेड जोन और कंटेनमेंट जोन में कड़े लाॅकडाउन के नियमों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। इस दौरान टीम मॉस्क फोर्स के बारे में भी जानकारी दी गई जिसमें विराट कोहली, हरभजन सिंह, सचिन तेंदुलकर, वीरेन्द्र सहवाग ने लोगों से घर पर ही मास्क बनाने और इन्हेें पहनने की सलाह दी ताकि लोगों को संक्रमण से बचाया जा सके।

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केन्द्रीय गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशानुसार राज्यों से विचार विमर्श कर स्थिति को नियंत्रण में रखने का प्रयास जारी है और उनकी अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि लॉकडाउन उपायों का पालन सख्ती से हो। उन्होंने बताया कि जो क्षेत्र हाॅट स्पाट अथवा क्लस्टर या कंटेनमेंट क्षेत्रों की श्रेणी में नहीं आते हैं वहां गतिविधियों में छूट देने में सावधानी बरती जानी चाहिए और पूरी वास्तविकता को ध्यान में रखकर ही कोई निर्णय जिलाधिकारी को लेना होगा। इसके लिए औद्योगिक जगत से भी विचार विमर्श करना होगा ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके।

बड़ी औद्योगिक इकाइयों के संचालन में यह भी ध्यान रखना होगा कि वहां कार्यरत मजदूर इसके परिसर में ही रहें।कोरोना महामारी के कारण देश भर में लागू पूर्णबंदी के मद्देनजर विभिन्न जगहों पर राहत शिविरों में रह रहे श्रमिकों के लिए उसी राज्य में काम करने संबंधी मानक संचालन प्रक्रिया आज जारी कर दी गई है लेकिन साथ ही यह भी साफ किया है कि किसी भी श्रमिक को राज्य से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जायेगी।

केन्द्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा है कि उन्हें इस मानक संचालन प्रक्रिया का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना होगा। पत्र में कहा गया है कि पूर्णबंदी के दिशा निर्देशों में 20 अप्रैल से हॉटस्पॉट से अलग क्षेत्रों में कुछ अतिरिक्त गतिविधियों के संचालन की मंजूरी दी गयी है। ऐसे में राहत शिविरों में फंसे श्रमिकों से फैक्ट्रियों , विनिमार्ण इकाईयों , निर्माण कार्यों, खेतों और मनरेगा के तहत काम कराया जा सकता है। ये काम जिन राज्यों में ये श्रमिक फंसे हुए हैं उन्हीं राज्यों में कराने की अनुमति होगी।

सरकार ने कहा कि पूर्णबंदी के दूसरे चरण में 20 अप्रैल के बाद कोरोना प्रभावित क्षेत्रों को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरी और गैर जरूरी सभी तरह की आर्थिक गतिविधियों की अनुमति होगी लेकिन इसमें परस्पर सुरक्षित दूरी तथा स्वच्छता का पालन करना होगा।

इन गतिविधियों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कृषि और संबंधित गतिविधियों का पूरी तरह से संचालन हो, ग्रामीण अर्थव्यवस्था अधिकतम दक्षता के साथ काम करें, दैनिक मजदूरों और लोगों के लिए रोज़गार के अवसर पैदा हों, पर्याप्त सुरक्षा उपायों और अनिवार्य मानक ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (एसओपी) के साथ चुनिंदा औद्योगिक गतिविधियों और डिजिटल अर्थव्यवस्था का संचालन हो।