नई दिल्ली,घोड़े में ग्लैंडर्स बीमारी की पुष्टि होने से घोड़ों के साथ इंसानों की जान का भी खतरा बढ़ गया है। पशु विभाग ने बरेली मंडल के सभी जिलों में अलर्ट जारी किया है।
बरेली के साथ बदायूं और शाहजहांपुर के चार घोड़ों में ग्लैंडर्स की पुष्टि हुई है। हिसार के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र की जांच में बरेली और बदायूं के एक-एक घोड़े में ग्लैंडर्स की पुष्टि की। जबकि शाहजहांपुर के दो घोड़ों में ग्लैंडर्स का वायरस मिला। पशुपालन विभाग के अपर निदेशक ने बरेली-बदायूं और शाहजहांपुर के सीवीओ को ग्लैंडर्स प्रभावित घोड़ों को दर्द रहित मौत देने का व्यवस्था करने को कहा है।
घोड़ों के जरिये इंसानों में जानलेवा ग्लैंडर्स पहुंचता है। ग्लैंडर्स का बरवेलडेरिया वायरस दूसरे घोड़ों को अपनी गिरफ्त में ले लेता है। पिछले महीने बरेली के दो ग्लैंडर्स प्रभावित घोड़ों को मौत की नींद सुला दिया गया था। हाल में हिसार भेजे सैंपल की रिपोर्ट ने एक बार फिर चौंका दिया। बरेली के भमोरा क्षेत्र के सरदार नगर के एक घोड़े में ग्लैंडर्स बरवेलडेरिया वायरस मिला है।
बदायूं का एक और शाहजहांपुर के दो घोड़े ग्लैडर्स प्रभावित मिले हैं। चारों ग्लैंडर्स संक्रमित घोड़ों को दर्द रहित मौत देने की तैयारी शुरू कर दी गईं हैं। एडी पशुपालन के निर्देश के बाद सीवीओ ने टीमों ने का गठन कर दिया है। चारों घोड़ों के शवों को छह फुट गहरे गड्ढे में नमक और चूना डालकर दबा दिया जाएगा।
पशु की त्वाचा में फोड़े, नाक के अंदर फटे छाले दिखना, तेज बुखार होना, नाक से पीला स्राव, सांस लेने में तकलीफ, खांसी होना, पैर-जोड़ों में दर्द होना, अंडकोष में सूजन आना। ग्लैंडर्स संक्रमित घोड़ा, गधा और खच्चर की मौत पर सरकार 25-25 हजार रुपये प्रति पशु के हिसाब से मुआवजा देती है। मुआवजा सीधे पशुपालके खाते में जाएगा। सरदार नगर के एक घोड़े में ग्लैंडर्स की पुष्टि हुई है। बदायूं, शाहजहांपुर के घोड़ों में भी ग्लैंडर्स का वायरस मिला है। इन घोड़ों को मौत देने के लिए टीमें गठित की जा रही हैं।