नई दिल्ली, अब रसोई गैस के सिलिंडरो की मांग ठड़ी पड़ने लगी है.बढ़ते दामों के कारण रसोई गैस सिलिंडर की मांग में पिछले साल की तुलना में 23 फीसदी तक की गिरावट हुई है. गैरसब्सिडी वाले सिलिंडर के दाम पर गौर करें तो जनवरी 2017 में यह 623 रुपये का था. 1 नवंबर 2018 को इसका रेट 979.50 रुपये तक पहुंच गया. 20 महीनों में सिलिंडर के दाम में 356.50 रुपये बढ़ोतरी हुई. इंडियन ऑयल के डीजीएम वाई श्रीवास्तव भी बढ़ती कीमत के कारण रसोई गैस सिलिंडर की मांग गिरने की तस्दीक करते हैं.
ऑयल कंपनी से जुड़े अधिकारी के मुताबिक 1 जनवरी 2017 से लेकर 1 नवंबर 2017 तक भारत गैस से जुड़े उपभोक्ताओं में 23,565 टन गैस की खपत हुई. जबकि एक जनवरी 2018 से पहली नवंबर तक यह घटकर 18,076 टन रह गई. इसी दौरान, भारत गैस की खपत में 23.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
एचपीसीएल के नॉर्थ सेंट्रल रीजन के जीएम आरके तिवारी बताते हैं कि उज्ज्वला योजना के तहत राजधानी में अब तक 31,492 और प्रदेश भर में 10 लाख 87 हजार के करीब कनेक्शन बांटे जा चुके हैं. 30 से 40 फीसदी लोग रीफिल नहीं करवा रहे हैं. दूसरी ओर,चार लोगों के परिवार में खपत की गणना करें तो बिजली से खाना बनाना गैस की तुलना में फिलहाल 2-3 रुपये प्रतिदिन सस्ता पड़ रहा है.
इंडियन ऑयल के अधिकारी बताते हैं कि जनवरी 2017 से प्रदेश में इंडेन गैस के उपभोक्ताओं ने 1 नवंबर 2017 तक 46,0856 टन रसोई गैस की डिमांड की थी. जबकि जनवरी 2018 से नवंबर 2018 तक यह 35,653 टन रह गई. पिछले साल से तुलना करें तो 10 महीनों में 22.6 फीसदी डिमांड गिरी है.