नयी दिल्ली, अम्फान चक्रवात दीघा के तट से टकराने के बाद अपना विकराल रूप दिखाने लगा है।
चक्रवाती तूफान अम्फन से पश्चिम बंगाल में 12 लोगों की मौत हुई है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाबन्न में बताया कि चक्रवाती तूफान में 10 से 12 लोगों की मौत की सूचना है। चक्रवाती तूफान से उत्तर और दक्षिण 24 परगना को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कई इलाकों से संपर्क टूट गया है. प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार कई लाख करोड़ रुपये की क्षति हुई है , जबकि पूरी रिपोर्ट आने में तीन-चार दिन लगेगा।
इलाके में बिजली सेवा बाधित हुई है और जगह-जगह पेड़ गिर गए हैं इस कारण यातायात सेवा भी बुरी तरह प्रभावित हुई है दूसरी ओर कोलकाता महानगर के कई इलाकों में बारिश के कारण भारी जलजमाव हो गया है तथा कई इलाकों में घुटने भर पानी भर गया है कोलकाता नगर निगम में प्रशासक फिरहाद हकीम निगम कार्यालय में है और और पूरी स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य सचिवालय में है और पूरी स्थिति पर नजर रखी हुई हैं। एनडीआरएफ की टीमों सहित देश की तीनों सेनाएं भी एक्टिव मोड में हैं। पीएम मोदी खुद पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं और कई मीटिंग्स खुद ले चुके हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, के अनुसार चक्रवात कोलकाता और ओडिशा में भारी तबाही मचा सकता है। ओडिशा में जो डैमेज आज होने वाला था वह हो चुका है। पश्चिम बंगाल से अभी पांच लाख और ओडिशा में 1,58,640 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
कल रात से इसका असर ओडिशा के उपर हो गया था और इसकी वजह से ओडिशा के तटीय जिलों मे काफी तेज बारिश हो रही थी और हवाओं की रफ्तार भी सैंकड़ो किलाेमीटर प्रति घंटा से अधिक दर्ज की गई। ओड़िशा और बंगाल के अनेक हिस्सों में जोरदार बारिश हो रही हैं। भद्रक और बालासोर में तेज हवाएं चल रही हैं।
राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक के मुताबिक एस एन प्रधान ने इस चक्रवाती तूफान को लेकर की गई तैयारियों की जानकारी देते हुए कहा कि ओड़िशा में 20 और पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की 20 टीमें तैनात कर दी गई हैं और केन्द्रीय मुख्यालय तथा ओडिशा और पश्चिम बंगाल में स्थानीय मुख्यालय के बीच लगातार इसे लेकर संपर्क जारी है। ये सभी टीमें वायरलेस और सेटेलाइट संचार प्रणााली से युक्त हैं। इनके अलावा दो टीमों को तैयार रखा गया हैं।
उन्होंने बताया कि इससे पहले आए तूफान फैनी से सबक लेते हुए सभी टीमों के पास पेड़ और लोहे के खंबे काटने वाले उपकरण हैं और तूफान के गुरजने के बाद इस तरह की स्थितियों से निपटा जा सके। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इन सभी टीमों को पीपीई और आवश्यक उपकरण दिए गए हैं। इन टीमों ने संबद्व जिलों और स्थानीय प्रशासन से संपर्क बना लिया हैं और ये सभी मिलकर काम कर रहे हैं। टीमें लोगों को लाउडस्पीकर के जरिए लोगों को कोविड के दौरान सावधानी बरतने और तूफान के दौरान किए जाने वाले एहतियाती उपायों के बारे में पहले ही जागरुक कर चुकी है।
उन्होेंने बताया कि पश्चिम बंगाल से पांच लाख से अधिक और ओडिशा से डेढ़ लाख से अधिक लोगों को तूफान की आशंका के चलते पहले ही सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया था। एनडीआरएफ की टीमें दीघा, पूर्वी मेदिनीपुर,काकद्वीप, रामनगर में लोंगों को सावधानी बरतने के लिए समझा रही हैं।