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गर्भावस्था के दौरान अगर हो जाए टीबी तो इन तरीकों से शिशु और मां दोनों रहें सुरक्षित

नई दिल्ली, टीबी एक गंभीर बीमारी है. महिला को गर्भावस्था में टीबी हो जाता है, तो उन्हें आवश्यक तरीके अपनाने चाहिए ताकि गर्भ में पल रहा शिशु और मां दोनों सुरक्षित रहें।

गर्भावस्था के दौरान डॉक्‍टर यह पता लगाने के लिए विभिन्न प्रकार की सामान्य जांच करवाते हैं ताकि यह पता चल सके कि गर्भवती महिला को स्वास्थ्य संबंधी ऐसी कोई संभावित समस्या तो नहीं है जो मां और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए खतरनाक हो. इसके अलावा अगर गर्भवती महिला में वजन का घटना, भूख की कमी, ठंड लगना, बुखार, रात में पसीना आना, खांसी या छाती में दर्द जैसे लक्षण प्रकट होते हैं, तो डॉक्टर सामान्य जांचों के अलावा ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) की जांच कराने को कहते हैं.अगर सक्रिय टीबी है, तभी ये सारे लक्षण होंगे, और इन लक्षणों के होने पर जांच करा लेना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि इससे गर्भावस्था प्रभावित हो सकती है. टीबी एक बैक्टीरिया का संक्रमण है, जो आम तौर पर फेफड़े को प्रभावित करता है। माँ को अगर टीबी है, तो यह माँ और शिशु, दोनों के लिए खतरनाक होता है। गर्भवती महिला को टीबी हो तो उनके समय से पहले या कम वजन वाले शिशु पैदा होने की आशंका दोगुनी हो जाती है। साथ ही, शिशु को जन्मजात टीबी भी हो सकता है।

टीबी के प्रकार
टीबी अमूमन दो प्रकार का होता है – सुसुप्त टीबी और सक्रिय टीबी यानी लैटेंट और ऐक्टिव टीबी। सक्रिय अवस्था में इस रोग की तीव्रता ज्यादा होती है। लेकिन, सुसुप्त और सक्रिय, दोनों प्रकार के टीबी से आपके गर्भस्थ शिशु को ख़तरा हो सकता है। सुसुप्त टीबी का कोई लक्षण प्रकट नहीं होता क्योंकि बैक्टीरिया आपके शरीर में निष्क्रिय अवस्था में रहता है। सुसुप्त टीबी को निष्क्रिय टीबी भी कहते हैं और यह संक्रामक नहीं होता है लेकिन इसका इलाज नहीं कराने से यह सक्रिय टीबी में बदल सकता है। सक्रिय टीबी से आप बीमार हो जाती हैं और अधिकतर मामलों में दूसरों को संक्रमित कर सकती हैं। यह टीबी बैक्टीरिया के संक्रमण के तुरंत बाद या वर्षों बाद भी हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान टीबी का उपचार
गर्भवती महिला को यह चिंता हो सकती है कि ट्यूबरकुलोसिस की दवा लेना गर्भस्थ शिशु के लिए नुकसानदेह हो सकता है. लेकिन इसका इलाज नहीं करना और भी बुरा होता है. ऐंटी-टीबी दवाओं के कारण जन्म की असामान्यता या गर्भ में बढ़ते शिशु में दूसरी समस्याएं हो सकती हैं. लेकिन, अगर आप गर्भवती हैं, या गर्भ धारण करने की सोच रही हैं, तो आपका डॉक्टर उन दवाओं की अनुशंसा नहीं करेगा. आपको कौन-सा टीबी है, इसी से तय होगा कि आपके लिए कौन-सी दवा सही रहेगी.

सुसुप्त टीबी के लिए : अगर आपको कोई लक्षण नहीं है लेकिन जांच में टीबी होने का पता चलता है, तो संभावना है कि आपको आइसोनिएजिड दवा लेनी होगी. पहले नौ महीने तक इसे सप्ताह में दो बार या हर रोज लेना पड़ सकता है. आपको इसके साथ-साथ विटमिन बी6 का सप्‍लीमेंट भी लेना होगा. आइसोनिएजिड और रिफाम्पिन का तीन महीने का कोर्स भी एक विकल्प है.
गर्भवती महिला को ढेर सारी दवाएं देने से बचने के लिए, सुसुप्त टीबी संक्रमण के लिए उपचार को आम तौर पर प्रसव के बाद 2-3 महीनों तक स्थगित किया जा सकता है. सुसुप्त टीबी संक्रमण के लिए इलाज को एकमात्र गर्भावस्था के आधार पर या यहां तक कि पहली तिमाही के दौरान भी स्थगित नहीं किया जाता. विशेषकर उन महिलाओं को, जो हाल में संक्रामक टीबी रोग के शिकार किसी व्यक्ति के सम्पर्क में आईं हैं, तो उनमें सुसुप्त टीबी संक्रमण से टीबी रोग होने का ख़तरा ज्यादा होता है.

सक्रिय टीबी के लिए : आमतौर आइसोनिएजिड, रिफाम्पिन और इथमब्युटोल पहली तीन दवाएं है, जो दी जाती हैं. ज्यादा संभावना है कि ये तीनों दवाएं दो महीने तक हर रोज लेने की ज़रुरत होती है.उसके बाद गर्भावस्था की बाकी पूरी अवधि तक केवल आइसोनिएजिड और रिफाम्पिन को रोजाना या सप्ताह में दो बार लेना होता है.

स्तनपान
भले ही महिला शिशु को जन्म देने के बाद अभी भी टीबी की प्राथमिक दवाएं ले रही हैं, फिर भी अपने शिशु को बिना किसी समस्या के स्तनपान करा सकती हैं. आप अपने नवजात शिशु को दूध पिला रही हैं और आइसोनिएजिड ले रही हैं, तो विटमिन बी6 लें. इससे आपके बच्चे को कोई नुकसान नहीं होगा।

जटिलतायें
गर्भावस्था के दौरान टीबी की शिकार माता से जन्मे नवजातों में दिखने वाली जटिलतायें इस प्रकार हैं :
शिशु का वजन, स्वस्थ माँ से जन्मे शिशु की तुलना में कम हो सकता है.
बच्चे को जन्म से टीबी हो सकता है, हालाँकि ऐसा बहुत कम होता है.
जन्म के बाद माँ से बच्चे में टीबी का संचरण, अगर रोग अभी भी सक्रिय है और माँ का समय पर इलाज नहीं हुआ था।

मदरहुड हॉस्पिटल, नोएडा की सीनियर कंसल्‍टेंट, ऑब्‍सटेट्रिशियन एवं गायनेकोलॉजिस्‍ट डॉक्टर मनीषा तोमर का कहना है कि अगर शुरुआती दवाओं से आपका टीबी ठीक नहीं हो रहा है, तो हो सकता है आपमें दवा-रेजिस्‍टेंट किस्‍म का बैक्टीरिया हो. आपका डॉक्टर दवा बदलने की सलाह दे सकता है, जो दूसरी पंक्ति की दवा होगी. गर्भावस्था के दौरान अनेक दवाओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि दवाएं जन्म संबंधी असामान्यता या दूसरी समस्या पैदा कर सकती हैं.अगर आपको दूसरी-पंक्ति के उपचार की ज़रुरत है, तो इस स्थिति में गर्भधारण का विचार कुछ समय के लिए टाल देना बेहतर होगा.

परामर्श
टीबी के लिए उपचार लेते रहने के साथ-साथ आप अपने डॉक्टर से परामर्श ले सकती हैं और ऑनलाइन परामर्श या उपचार का विकल्प भी अपना सकती हैं, क्योंकि इस स्थिति से निपटना काफी तनावपूर्ण और थकाऊ हो सकता है.अगर आपको सक्रिय टीबी है तो आपसे दूसरों को संक्रमण होने की आशंका ज्यादा होती है. भावनात्मक और शारीरिक स्तर पर आप कैसा महसूस करती हैं, इसे किसी के साथ साझा करने से आपको रोग और स्थिति का मुकाबला करने में ज्यादा आसानी होगी.

अर्पणा यादव