अगर आप Facebook पर हनीट्रैप में फंसे हैं या फंसने का है शक तो तुरंत करें इस नंबर पर कॉल…

लखनऊ , पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई किस तरह से भारत की सुरक्षा में सेंध लगाने के लिए फेसबुक की सहायता ले रही है। पिछले दिनों यूपी एटीएस की जांच में ये सामने आया।आईएसआई के हनी ट्रैप के शिकार सेना के जवानों और युवाओं तक पहुंचने और मदद करने के लिए यूपी ऐंटी-टेरर स्क्वॉड ने हेल्पलाइन नंबर के साथ एक ई-मेल आईडी जारी की है। इसके लिए यूपी एटीएस की ई-मेल आईडी igats-up@gov.in और हेल्पलाइन नंबर- 9792103082 है। आईजी एटीएस असीम अरुण ने कहा है कि अगर कोई सोशल मीडिया के जरिए किसी बहाने से सैन्य ठिकानों की फोटो और जानकारी मांगें तो तत्काल इसकी जानकारी एटीएस को दें। 

उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने सोशल मीडिया पर अपना जाल फैला रखा है। आईएसआई के लोग फर्जी फर्जी आईडी से सेना के जवानों, युवाओं को फंसा कर उनका उपयोग सूचनाएं एकत्र करने में कर रहे हैं। इनमें अधिकतर महिलाएं हैं। यह फैसला पिछले रोज एक घटना के बाद लिया गया। 

जब 19 सितंबर को दिल्ली के एक बीएसएफ जवान को महिला आईएसआई एजेंट के साथ गोपनीय सूचनाएं साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दरअसल बीएसएफ का यह जवान हनी ट्रैप का शिकार हुआ था। महिला खुद के डिफेंस रिपोर्टर होने का दावा कर रही थी। वॉट्सऐप पर बातचीत के दौरान बीएसएफ के जवान ने उसे अकैडमी की संवेदनशील सूचनाएं, तस्वीरें और 3 डी मॉडल के साथ हथियार-गोला बारूद की सूचनाएं दी थीं। 

आईजी एटीएस असीम अरुण ने कहा, ‘हमने अधिकारियों, सेना और सुरक्षा जवानों की मदद करने का फैसला लिया है जो हनी ट्रैप में फंसाए और गोपनीय सूचनाएं साझा करने के लिए ब्लैकमेल किए जा रहे हैं। ई-मेल आईडी और हेल्पलाइन नंबर 24×7 घंटे काम करेगी और मैं व्यक्तिगत रूप से इसकी निगरानी करूंगा।’ उन्होंने आश्वासन दिया कि संदिग्ध लोगों के बारे में एटीएस को जानकारी देने वाले आम लोगों की पहचान को गुप्त रखा जाएगा। 

Related Articles

Back to top button