बुंदेलखंड में दिखा कोरोना वायरस का असर, छाया सन्नाटा
March 18, 2020
लखनऊ, दुनियाभर में दहशत का कारण बने कोरोना वायरस का असर अब बुंदेलखंड में भी सभी क्षेत्रों पर नजर आने लगा है।
इस वायरस के खतरे से निपटने के लिए स्कूल, कॉलेज , यूनीवर्सिटी के साथ साथ मंदिरों और पुरातात्विक स्थलों को तो बंद कर ही दिया गया है
वहीं अपनी मांगों के लिए धरने पर बैठे किसानों को भी आंदोलन बंद करना पड़ा है।
कोरोना वायरस के कहर से बचने के लिए जनपद में मंगलवार को बुन्देलखंड विश्वविद्यालय ने सभी परीक्षाओं पर 2 अप्रैल तक रोक लगा दी।
तो वहीं अपनी 13 सूत्रीय विभिन्न समस्याओं को लेकर 6 दिन से धरने पर बैठे किसानों ने भी राष्ट्रहित में अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है।
यही हाल पर्यटन से लेकर भगवान के मंदिरों तक का है। चारों ओर सावधानियां बरतते हुए ये कदम उठाए गए हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए किसान रक्षा पार्टी के अध्यक्ष गौरी शंकर बिदुआ ने बताया कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है।
ऐसे में यदि भगवान के कपाट भक्तों के लिए बंद किए जा सकते हैं तो हमारी मांगें और परेशानियां उनसे बड़ी नहीं हैं।
जीवन रहेगा तो हम फिर अपनी समस्याओं का निस्तारण कर लेंगे।
वहीं विवि के परीक्षा नियंत्रक अजय कृष्ण यादव ने बताया कि बुन्देलखंड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी महाविद्यालयों में कोरोना वायरस
के कारण विवि के समस्त परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित होने वाली सभी परीक्षाएं 18 मार्च 2020 से दो अप्रैल 2020 तक स्थगित की जाती हैं।
तीन अप्रैल 2020 से होने वाली परीक्षाएं अपने पूर्व निर्धारित परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार सम्पादित होंगी।
स्थगित परीक्षाओं की तिथियां निर्धारित कर विवि की वेबसाईट पर घोषित की जायेंगी।
भक्त और भगवान के बीच भी कोराना वायरस का डर खड़ा हो गया है।
इस वायरस के कहर से बचाने को लेकर श्री रामराजा सरकार ओरछा मंदिर प्रशासन ओरछा और दतिया स्थित विश्व की दो महाविद्याओं
के पीठ पीताम्बरा मंदिर पीठ प्रशासन दतिया द्वारा भी 18 मार्च से मंदिरों के कपाट भक्तों के लिए बंद रखने का निर्णय लिया गया है।
यह मंदिर अब दो अप्रैल के बाद ही खोले जाएंगे।
बताया जा रहा है कि दतिया में देश के कोने कोने से लोग आते हैं तो वहीं ओरछा के लिए देश विदेश से सैलानी आते हैं,
इसको देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
पुरातत्व विभाग ने महारानी के एतिहासिक दुर्ग समेत अधिकतर स्मारकों को कोरोना के कारण पर्यटकों के लिए बंद कर दिया है।
यह सभी स्मारक भी 18 मार्च से आगामी दो अप्रैल तक के लिए बंद कर दिए गए हैं।
इस संबंध में पर्यटन विभाग के अधिकारी व इतिहासविद डा.चित्रगुप्त ने बताया कि कोरोना के संकट को देखते हुए यह कदम उठाए गए हैं।
रेल प्रशासन द्वारा सूचित किया गया है कि कोरोना वायरस की रोकथान एवं इसके फलस्वरूप यात्रियों की संख्या में कमी को ध्यान में रखते
गाडी सं 22222 निजामुद्दीन-छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस अपने प्रारंभिक स्टेशन से चलने की तिथि 21,24, 26 एवं 31 मार्च को निरस्त
किया गया है तथा गाडी सं 22221 छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस-निजामुद्दीन अपने प्रारंभिक स्टेशन से चलने की तिथि 20,23,27 एवं 30
मार्च को निरस्त किया गया है।
इसकी जानकारी पीआरओ मनोज कुमार द्वारा दी गई।
Impact of corona virus seen in Bundelkhand shadow silence 2020-03-18