विवेक तिवारी हत्याकांड में पुलिस की खराब छवि को सुधारने के लिए इस दारोगा ने छेड़ी ये मुहिम
October 8, 2018
लखनऊ, विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद यूपी पुलिस की बगड़ी छवि को सुधारने के लिए इस पुलिस ने ये मुहिम छेड़ी है. गोरखपुर की धर्मशाला चौकी पर तैनात सब इंस्पेक्टर प्रमोद सिंह ने गरीबों के लिए खुद को समर्पित कर दिया है. उन्होंने ड्यूटी के साथ एक अनोखी मुहिम छेड़ी है. दारोगा ने सप्ताह में एक दिन गरीबों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है.
दारोगा ने संस्था से 10 सामाजिक कार्यकर्ताओं और व्यापारियों को जोड़ा है. इसका उद्देश्य गरीबों को कपड़े, जूते-चप्पल, गरीब बच्चों को निःशुल्क चिकित्सा-शिक्षा और उनके रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने की शुरुआत की. उनके इस काम की हर तरफ प्रशंसा हो रही है.
प्रमोद सिंह कहा, विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद यूपी पुलिस के कई सिपाहियों ने काली पट्टी बांधकर यूपी पुलिस के खिलाफ विरोध जताया. ऐसा नहीं करना चाहिए. प्रमोद बताते हैं कि केवल दो कॉन्स्टेबल के चलते पूरी पुलिस फोर्स को बदनाम करना गलत है. विवेक तिवारी जैसी घटना गलत है और हम सभी को उसका दुख है.
उन्होने कहा इस घटना के बाद हमने कुछ अलग करने का सोचा. कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और व्यापारियों को जोड़कर हमने चौकी के पास, “हम हैं न’’..नाम से संस्था बनाया. प्रमोद सिंह की मेहनत रंग लाई और खाकी का एक मानवीय चेहरा भी लोगों के सामने आया. पुलिस का नाम सुनते ही डरने वाले लोग प्रमोद सिंह को देखते ही खुशी से भर जाते हैं. प्रमोद सिंह की पहल से संस्था में मदद करने वालों की संख्या बढ़ रही है. इस नेक काम में चौकी पर तैनात पुलिसकर्मी भी इस दारोगा की मदद करते नजर आ रहे है.
प्रमोद बताते हैं कि संस्था का उद्देश्य माह में एक-एक दिन बढ़ाकर इस मुहिम को हर रोज 1000 गरीबों को भोजन पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा करना है. उनका कहना है कि वे कोई सरकारी सहायता नहीं ले रहे हैं. शुरुआत में संस्था के साथ कुछ व्यापारी और समाजसेवी जुड़े. अब उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है. उनका कहना है कि पुलिस का नाम सुनते ही लोग डरते रहे हैं. लेकिन, उनकी इस पहल से अन्य लोगों को भी सीख मिलेगी और पुलिस के साथ आम आदमी भी सहजता के साथ जुड़ सकेगा.