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श्रीकृष्ण जन्मभूमि से शाही मस्जिद हटाने संबंधी वाद में, कोर्ट ने लिया ये एक्शन

लखनऊ,  मथुरा जिला एवं सत्र न्यायाधीश यशवन्त कुमार मिश्रा ने कटराकेशव देव में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कीे गोपी रंजना अग्निहोत्री एवं अन्य द्वारा श्रीकृष्णजन्मभूमि की जमीन के एक भाग में बनी शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने संबंधी दायर वाद में आदेश को सुरक्षित (रिजर्व) कर लिया है।
इस वाद में आज वाद की स्वीकार्यता पर बहस हुई थी, जिसमें शाही मस्जिद ईदगाह की ओर से अधिवक्ता नीरज शर्मा तथा श्रीकृष्ण विराजमान की गोपी रंजना अग्निहोत्री की ओर से अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने अपनी अपनी दलीलें पेश की थीं। जहां वादी पक्ष की ओर से यह कहा जा रहा था कि यह दावा स्वीकार्य करने लायक है तभी यह स्वीकार किया गया है वहीं प्रतिवादी शाही मस्जिद ईदगाह की ओर से यह कहा गया है कि यह वाद स्वीकार करने योग्य नही है क्येांकि कानूनी दृष्टि से इसमें कई खामियां हैं।
वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने यह भी कहा कि निचली अदालत से वाद को खारिज करने का मतलब डिक्री होता है।उनका कहना था कि सीपीसी में डिक्री में वाद को अस्वीकार किया जाना भी शामिल है। इसलिए हर डिक्री की अपील करने का प्राविधान है और यही कारण है कि यह वाद स्वीकार करने योग्य है।
दूसरी ओर प्रतिवादी शाही मस्जिद ईदगाह के अधिवक्ता नीरज शर्मा का कहना था कि यह वाद स्वीकार करने योग्य नहीं है क्योंकि यह मिसलेनियस सूट के रूप में दर्ज किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जो आदेश पारित किया गया है वह आदेश 7 रूल 11 सीपीसी के तहत अधीनस्थ न्यायालय द्वारा पारित नही किया गया है इसलिए इसकी रेगुलर अपील स्वीकार करने योग्य नही है।
इस मामले में दो और वाद सिविज जज सीनियर डिवीजन नेहा भदौरिया के यहां चल रहे हैं जिनमें हिन्दू आर्मी प्रमुख मनीष यादव द्वारा दायर वाद की अगली सुनवाई के लिए 15 जनवरी निर्धारित की गई है जब कि इसी अदालत में अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा पांच वादकारियों की ओर से दायर वाद की अगली सुनवाई के लिए 22 जनवरी निर्धारित की गई है। दोनो ही वाद में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के 13 दशमल 37 एकड़ के एक भाग में बनी शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने की बात कही गई है।