नयी दिल्ली, देश की पहली प्रतिबंधित फ़िल्म पर ब्रिटिश हुकुमत द्वारा रोक लगाने की वजह जानकर हो जायेंगे आप हैरान।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का ब्रिटिश हुकुमत पर इतना खौफ था कि 1921 में ‘भक्त विदुर’ नामक फ़िल्म को सिर्फ इसलिए प्रतिबंधित कर दिया गया कि उसका मुख्य पात्र ने गांधी टोपी लगा रखी थी । यह फिल्म देश की पहली प्रतिबंधित फ़िल्म थी। यह जानकारी महात्मा गांधी की 150 वीं जयन्ती वर्ष के समापन के मौके पर प्रकाशित ‘आजकल’ पत्रिका के ‘गांधी विशेषांक’ में दी गई है।
सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा 75 वर्षों से लगातार प्रकाशित की जा रही इस पत्रिका के अक्टूबर अंक में प्रकाशित लेख के अनुसार 1921 में बनी फिल्म ‘भक्त विदुर’ में महाभारत के पात्र विदुर को ‘गांधी टोपी’ और ‘खद्दर’ की कमीज पहने दिखाया गया था। मुंबई में फ़िल्म को देखने के लिए इतनी भीड़ उमड़ी को पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा था। इस फ़िल्म को तत्कालीन सेंसर बोर्ड ने प्रतिबंधित कर दिया था।
फ़िल्म पत्रकार अजय ब्रह्मात्मज के लेख के अनुसार सेंसर बोर्ड ने अपने आदेश में लिखा था–“हमें पता है कि आप क्या कर रहे हैं। यह विदुर नहीं है। यह गांधी है और हम इसकी अनुमति नही देंगे।” बाद में यह फ़िल्म चेन्नई और हैदराबाद में भी प्रतिबंधित कर दी गई थी।
विदुर की भूमिका फ़िल्म के स्टूडियो के मालिक द्वारका दास सम्पत ने निभाई थी। श्री संपत ने बाद में बताया कि उन्होंने फिल्म के कलाकारों से कह रखा था कि वे उन्हें गांधी ही समझें। दर्शकों को कुछ नही बताया गया था कि विदुर में गांधी की छवि है लेकिन ब्रिटिश अधिकारियों ने इसे भांप लिया और फिल्म को प्रतिबंधित कर दिया।
पत्रिका के अनुसार 1927 में इंडियन सिनेमेट्रोफिक सोसाइटी की बैठक में दादा साहब फाल्के और लाला लाजपत राय के अलावा गांधी को भी फिल्मों के बारे में एक प्रश्नावली भेजी गई जिसके जवाब में गांधी ने कहा था कि फ़िल्म समाज का अहित करती है और उन्होंने तब तक कोई फ़िल्म देखी ही नहीं थी। भारतीय सिनेमा की रजत जयंती पर फिल्मों के बारे में उनसे जब उनका संदेश मांगा गया तो उनके सचिव ने संदेश देने से मना कर दिया क्योंकि गांधी जी फिल्में पसंद नहीं करते थे।
गांधी जी ने हरिजन में लिखा था “मैं तो कहूंगा कि ज्यादातर फ़िल्म सिनेमा बुरे होते हैं।” गांधी पर पहला वृत्त चित्र 1937 में बना था। इसे मद्रास के ऐ के चेट्टियार ने बनाया था पर उसे भी सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था। गांधी जी की आवाज पहली बार 1931 में अमरीका की फॉक्स मूवीटोन कम्पनी ने रिकार्ड की थी। इस से पहले 1922 में गांधी जी पहली बार ब्रिटेन की एक न्यूज रील में दिखाए गए थे।
गांधी जी ने अपने जीवन मे एक मात्र भारतीय फ़िल्म ‘राम राज्य’ 1943 में देखी थी जिसे विजय भट्ट ने निर्देशित किया था। कहा जाता है कि उस वर्ष उन्होंने हॉलीवुड की फ़िल्म ‘मिशन टू मास्को’ भी देखी थी। महात्मा गांधी के सिनेमा के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण के विरोध में मशहूर फ़िल्म निर्देशक पत्रकार ख्वाजा अहमद अब्बास ने गांधी जी को 1939 में एक कड़ा पत्र भी लिखा था। पत्रिका ने उनका पत्र भी इस अंक में प्रकाशित किया है।