नई दिल्ली, भारत सरकार ने एक आतंकवादी संगठन पर प्रतिबंध की अवधि और पांच वर्षो के लिए बढ़ाने की घोषणा की है.
भारत सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की वर्ष 1991 में हत्या के लिए जिम्मेदार श्रीलंकाई आतंकवादी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) पर प्रतिबंध की अवधि और पांच वर्षो के लिए बढ़ाने की घोषणा की है.
केंद्र सरकार ने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम(लिट्टे) के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध को पांच साल तक के लिए बढ़ा दिया है. गृह मंत्रालय ने यह बैन तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया है. गृहमंत्रालय ने यह कदम गैरकानूनी गतिविधियां(रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत इस बैन को बढ़ाया है.
गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि लिट्टे की ओर से जारी हिंसा और विध्वंसकारी गतिविधियां भारत की एकता और अंखडता के लिए हानिकारक हैं. गृह मंत्रालय का कहना है कि लिट्टे का रुख भारत विरोधी है और यह संगठन भारत के नागरिकों के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है.
लिट्टे और तमिल टाइगर्स का गठन 1976 में वेलापुल्लई प्रभाकरण ने किया था. इस संगठन का मकसद स्वतंत्र तमिल राज्य की स्थापना के मकसद से किया गया था. लिट्टे को भारत, ब्रिटेन, अमेरिका व यूरोपी संघ जैसे विभिन्न देशों में आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल किया जा चुका है.
लिबरेशन टाइगर्स तमिल ईलम एक अलगाववादी संगठन है जो उत्तरी श्रीलंका में स्थित है. शुरुआत में इस संगठन का मकसद पूर्वी श्रीलंका में एक स्वतंत्र तमिल राज्य की स्थापना करना था. श्रीलंका में वर्षों तक चले गृह युद्ध के लिए यही संगठन जिम्मेदार है.