भोपाल,कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ने के बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंंह चौहान ने इंदौर और भोपाल समेत लगभग दस जिलों में संक्रमण का प्रकोप अपेक्षाकृत अधिक होने के कारण और अधिक सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं।
श्री चौहान ने कल यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग की मदद से राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान बताया गया कि कुल 52 जिलों में से इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, रतलाम, झाबुआ और अलीराजपुर जिलों में संक्रमण अपेक्षाकृत अधिक है। श्री चाैहान ने इन जिलों में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश संबंधित अधिकारियों और जिला प्रशासन को दिए।
राज्य में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 20 मार्च को जबलपुर जिले में सामने आया था। इसके बाद से लगभग साढ़े पांच माह में कोरोना संक्रमण के प्रकरण बढ़कर 69914 तक पहुंच गए हैं। अब प्रतिदिन औसतन 1500 के आसपास नए प्रकरण सामने आ रहे हैं। राज्य में सबसे अधिक मामले इंदौर जिले में 13500 के पार और भोपाल जिले में 10858 के पार पहुंच चुके हैं। अगस्त माह में कोरोना संक्रमण में वृद्धि काफी तेजी से हुयी।
कोरोना संक्रमण के चलते मध्यप्रदेश में अब तक 1453 लोगों की जान भी जा चुकी है। सबसे अधिक मौत इंदौर जिले में 402 और फिर इसके बाद भोपाल जिले में 293 दर्ज की गयी हैं। राज्य में अब तक 51124 व्यक्ति कोरोना संक्रमण को मात देकर घर भी लौट चुके हैं और एक्टिव प्रकरणों की संख्या 14337 है।
सरकारी आकड़ों के अनुसार सवा सात करोड़ से अधिक आबादी वाले राज्य में अब तक कुल चौदह लाख उन्नीस हजार सात सौ पचास व्यक्तियों के सैंपल की जांच हुयी है, जिनमें से 66914 व्यक्ति संक्रमित मिले हैं।
बैठक में श्री चौहान ने बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर (रिकवरी रेट) 76.4 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश धीरे-धीरे पूर्ण लॉकडाउन खोलने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस स्थिति में यह आवश्यक है कि हमारी मशीनरी इसकी चुनौतियों के लिए पहले से ही पूर्ण रूप से तैयार हो जाए। हमें राज्य की अर्थव्यवस्था को गतिशील रखना है तथा जनजीवन को भी पूर्ण रूप से सामान्य एवं खुशहाल बनाना है।
श्री चौहान ने कहा कि यदि कोरोना संक्रमण रोकने की सभी सावधानियां मास्क लगाना, दो गज की दूरी रखना आदि का पालन किया जाए, तो हम संक्रमण को भी रोक सकते हैं और जनजीवन को भी पूर्ण रूप से सामान्य बना सकते हैं। उन्होंने सभी से इस दिशा में कार्य करने के लिए कहा।
बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शासकीय चिकित्सालयों के साथ ही निजी चिकित्सालयों में भी कोरोना के इलाज के निर्धारित प्रोटोकॉल का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाए, जिससे व्यक्ति अपनी इच्छा एवं सुविधानुसार शासकीय अथवा निजी अस्पतालों में इलाज करा सके। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि निजी अस्पताल मरीजों से मनमाना शुल्क न वसूल सकें।
समीक्षा बैठक में राज्य के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी और स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान भी उपस्थित थे।